जयशंकर प्रसाद
1. ‘कामायनी’ महाकाव्य के रचयिता कौन हैं?
सही उत्तर: (ग) जयशंकर प्रसाद
विस्तार: ‘कामायनी’ आधुनिक हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य माना जाता है, जिसकी रचना जयशंकर प्रसाद ने 1936 में की थी। यह छायावाद की प्रमुख कृति है और इसमें मनु और श्रद्धा के माध्यम से मानव सभ्यता के विकास और मनोवृत्तियों का विश्लेषण किया गया है।
2. ‘कामायनी’ में कुल कितने सर्ग हैं?
सही उत्तर: (ख) 15
विस्तार: ‘कामायनी’ में कुल 15 सर्ग हैं। पहला सर्ग ‘चिंता’ है और अंतिम सर्ग ‘आनंद’ है। अन्य प्रमुख सर्गों में श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा, इड़ा, स्वप्न, संघर्ष आदि शामिल हैं।
3. ‘आँसू’ किसकी काव्य कृति है?
सही उत्तर: (ख) जयशंकर प्रसाद
विस्तार: ‘आँसू’ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक प्रसिद्ध विरह-काव्य है। इसे ‘हिन्दी का मेघदूत’ भी कहा जाता है। यह कृति व्यक्तिगत वेदना को सार्वभौमिक अभिव्यक्ति प्रदान करती है।
4. जयशंकर प्रसाद को ‘छायावाद का ब्रह्मा’ किसने कहा है?
सही उत्तर: (क) आचार्य रामचंद्र शुक्ल (हालांकि यह एक आम धारणा है, मुख्यतः उन्हें प्रवर्तक माना जाता है)
विस्तार: जयशंकर प्रसाद को छायावाद का प्रवर्तक और प्रतिनिधि कवि माना जाता है। छायावाद के चार स्तंभों (प्रसाद, पंत, निराला, महादेवी) में उन्हें ब्रह्मा का स्थान दिया जाता है, क्योंकि उन्होंने ही छायावादी काव्यधारा की नींव रखी।
5. “बीती विभावरी जाग री, अम्बर पनघट में डुबो रही तारा-घट उषा-नागरी।” – यह पंक्ति किस कृति से है?
सही उत्तर: (ख) लहर
विस्तार: यह प्रसिद्ध पंक्ति जयशंकर प्रसाद के काव्य-संग्रह ‘लहर’ (1933) से ली गई है। इसमें प्रकृति का मानवीकरण करते हुए उषाकाल का अत्यंत सुंदर और चित्रमयी वर्णन किया गया है।
6. ‘कामायनी’ का अंतिम सर्ग कौन-सा है?
सही उत्तर: (ग) आनंद
विस्तार: ‘कामायनी’ का पंद्रहवाँ और अंतिम सर्ग ‘आनंद’ है। यह प्रसाद के ‘समरसता’ और ‘आनंदवाद’ के दर्शन को स्थापित करता है, जहाँ ज्ञान, इच्छा और क्रिया का समन्वय होता है।
7. प्रसाद जी की कौन-सी रचना ‘ब्रजभाषा’ में है?
सही उत्तर: (ख) चित्राधार
विस्तार: ‘चित्राधार’ जयशंकर प्रसाद का प्रारंभिक काव्य-संग्रह है, जिसमें उनकी ब्रजभाषा में लिखी कविताएँ संकलित हैं। बाद में उन्होंने खड़ी बोली को अपनाया।
सुमित्रानंदन पंत
8. ‘प्रकृति का सुकुमार कवि’ किसे कहा जाता है?
सही उत्तर: (ग) सुमित्रानंदन पंत
विस्तार: सुमित्रानंदन पंत को उनकी कविताओं में प्रकृति के कोमल और मनोरम चित्रण के कारण ‘प्रकृति का सुकुमार कवि’ कहा जाता है। उनकी प्रारंभिक रचनाओं में प्रकृति प्रेम प्रमुखता से दिखाई देता है।
9. सुमित्रानंदन पंत को किस कृति के लिए ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ मिला?
सही उत्तर: (घ) चिदंबरा
विस्तार: सुमित्रानंदन पंत को सन् 1968 में उनकी काव्य-कृति ‘चिदंबरा’ के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह हिन्दी साहित्य के लिए पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार था।
10. ‘पल्लव’ की भूमिका को ‘छायावाद का घोषणापत्र’ (मेनिफेस्टो) किसने कहा है?
सही उत्तर: (ख) डॉ. नगेंद्र
विस्तार: पंत जी के काव्य-संग्रह ‘पल्लव’ (1928) की विस्तृत भूमिका में छायावादी काव्य के सिद्धांतों, भाषा और शिल्प पर गहन विवेचन किया गया है। इसी कारण डॉ. नगेंद्र ने इसे ‘छायावाद का घोषणापत्र’ कहा।
11. पंत जी की कौन-सी रचना अरविंद-दर्शन से प्रभावित है?
सही उत्तर: (ग) स्वर्णकिरण
विस्तार: अपने काव्य-जीवन के अंतिम चरण में पंत जी महर्षि अरविंद के ‘चेतनावादी दर्शन’ से बहुत प्रभावित हुए। ‘स्वर्णकिरण’, ‘स्वर्णधूलि’ और ‘उत्तरा’ जैसी रचनाओं में यह प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
12. “सुंदर हैं विहग, सुमन सुंदर, मानव तुम सबसे सुंदरतम” – यह काव्य पंक्ति किसकी है?
सही उत्तर: (ख) सुमित्रानंदन पंत
विस्तार: यह पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है। इसमें कवि प्रकृति के सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए अंततः मानव चेतना को सर्वश्रेष्ठ और सबसे सुंदर मानता है। यह मानवतावादी दृष्टिकोण को दर्शाता है।
13. पंत की किस रचना में छायावाद के अंत की घोषणा की गई है?
सही उत्तर: (ग) युगांत
विस्तार: ‘युगांत’ (1936) नामक काव्य-संग्रह के साथ पंत जी ने स्वयं छायावादी युग के अंत और प्रगतिवादी चेतना के आरंभ की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने ‘युगवाणी’ और ‘ग्राम्या’ जैसी प्रगतिवादी रचनाएँ कीं।
14. सुमित्रानंदन पंत का मूल नाम क्या था?
सही उत्तर: (ख) गुसाईं दत्त
विस्तार: सुमित्रानंदन पंत का बचपन का नाम गुसाईं दत्त था। बाद में उन्होंने अपना नाम बदलकर सुमित्रानंदन पंत रख लिया था।
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
15. ‘महाप्राण’ किस कवि को कहा जाता है?
सही उत्तर: (ख) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
विस्तार: सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ को उनके विद्रोही, ओजस्वी और फक्कड़ स्वभाव के कारण ‘महाप्राण’ की उपाधि दी गई। उनकी कविताओं में पौरुष, ओज और गहन दार्शनिकता का अद्भुत संगम है।
16. हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ शोक-गीत (Elegy) किसे माना जाता है?
सही उत्तर: (ख) सरोज-स्मृति
विस्तार: निराला द्वारा अपनी पुत्री सरोज की मृत्यु पर लिखा गया गीत ‘सरोज-स्मृति’ हिन्दी का ही नहीं, बल्कि विश्व साहित्य के श्रेष्ठ शोक-गीतों में गिना जाता है। इसमें एक पिता का अव्यक्त दुःख, सामाजिक व्यंग्य और आत्म-संघर्ष व्यक्त हुआ है।
17. ‘मुक्त छंद’ (Free Verse) के प्रवर्तक कवि कौन हैं?
सही उत्तर: (ग) निराला
विस्तार: निराला ने अपनी कविता ‘जूही की कली’ के माध्यम से हिन्दी में ‘मुक्त छंद’ का प्रवर्तन किया। उन्होंने छंद के बंधनों को तोड़कर कविता को भाव और लय के आधार पर नई गति प्रदान की। इसे ‘केंचुआ छंद’ या ‘रबर छंद’ कहकर उनका उपहास भी किया गया था।
18. ‘राम की शक्ति-पूजा’ कविता का प्रेरणा-स्रोत क्या है?
सही उत्तर: (ग) कृत्तिवास रामायण (बंगला)
विस्तार: निराला की प्रसिद्ध कविता ‘राम की शक्ति-पूजा’ का मुख्य कथानक बंगला की ‘कृत्तिवास रामायण’ से प्रेरित है। इसमें निराला ने राम के मानवीय द्वंद्व और संघर्ष को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया है।
19. निराला की कौन-सी रचना प्रगतिवादी चेतना से युक्त है?
सही उत्तर: (ग) कुकुरमुत्ता
विस्तार: ‘कुकुरमुत्ता’, ‘तोड़ती पत्थर’, ‘भिक्षुक’ जैसी कविताएँ निराला की गहन प्रगतिवादी चेतना को दर्शाती हैं। ‘कुकुरमुत्ता’ में उन्होंने पूंजीवादी संस्कृति (गुलाब) पर सर्वहारा वर्ग (कुकुरमुत्ता) की विजय को व्यंग्यात्मक शैली में दिखाया है।
20. “दुख ही जीवन की कथा रही, क्या कहूँ आज जो नहीं कही।” – ये पंक्तियाँ किस कविता से हैं?
सही उत्तर: (ग) सरोज-स्मृति
विस्तार: यह मार्मिक पंक्ति निराला ने अपनी पुत्री की स्मृति में लिखी कविता ‘सरोज-स्मृति’ में कही है। यह उनके स्वयं के संघर्षमय और दुखपूर्ण जीवन का सार प्रस्तुत करती है।
महादेवी वर्मा
21. ‘आधुनिक युग की मीरा’ किसे कहा जाता है?
सही उत्तर: (ख) महादेवी वर्मा
विस्तार: महादेवी वर्मा को उनकी कविताओं में व्यक्त वेदना, विरह और रहस्यवादी भावना के कारण ‘आधुनिक युग की मीरा’ कहा जाता है। जिस प्रकार मीरा कृष्ण के प्रति समर्पित थीं, उसी प्रकार महादेवी का काव्य उस अज्ञात प्रियतम के प्रति विरह-वेदना से ओत-प्रोत है।
22. महादेवी वर्मा को किस काव्य-संकलन के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला?
सही उत्तर: (घ) यामा
विस्तार: महादेवी वर्मा को सन् 1982 में उनके काव्य-संकलन ‘यामा’ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘यामा’ में उनके चार प्रमुख काव्य-संग्रहों – नीहार, रश्मि, नीरजा और सांध्यगीत – के महत्वपूर्ण गीतों को संकलित किया गया है।
23. “मैं नीर भरी दुःख की बदली” – यह प्रसिद्ध गीत किस कवयित्री का है?
सही उत्तर: (क) महादेवी वर्मा
विस्तार: यह प्रसिद्ध गीत महादेवी वर्मा के काव्य-संग्रह ‘सांध्यगीत’ में संकलित है। यह उनके काव्य की केंद्रीय भावना – वेदना और करुणा – का प्रतीक है। इसमें कवयित्री ने स्वयं की तुलना दुःख के जल से भरी बदली से की है।
24. महादेवी वर्मा के काव्य में प्रमुख प्रवृत्ति क्या है?
सही उत्तर: (ग) रहस्यवादी वेदनानुभूति
विस्तार: महादेवी वर्मा छायावाद की सबसे प्रमुख रहस्यवादी कवयित्री हैं। उनके काव्य में अज्ञात प्रियतम के प्रति विरह की वेदना, जिज्ञासा और आत्म-समर्पण का भाव प्रमुख है। यही ‘रहस्यवादी वेदनानुभूति’ उनकी पहचान है।
25. महादेवी वर्मा का कौन-सा काव्य-संग्रह बौद्ध दर्शन से प्रभावित है?
सही उत्तर: (ख) रश्मि
विस्तार: काव्य-संग्रह ‘रश्मि’ की कविताओं पर बौद्ध दर्शन के ‘दुःखवाद’ का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इसकी भूमिका में भी उन्होंने जीवन और दर्शन से संबंधित प्रश्नों पर विचार किया है।
अज्ञेय (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन)
26. ‘तार सप्तक’ का संपादन किसने किया?
सही उत्तर: (ग) अज्ञेय
विस्तार: ‘तार सप्तक’ (1943) का संपादन अज्ञेय ने किया था। इसमें सात कवियों की कविताएँ संकलित थीं। यहीं से हिन्दी कविता में ‘प्रयोगवाद’ का आरंभ माना जाता है। अज्ञेय ने कुल चार सप्तकों का संपादन किया।
27. अज्ञेय को किस कृति के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
सही उत्तर: (ग) कितनी नावों में कितनी बार
विस्तार: अज्ञेय को सन् 1978 में उनके काव्य-संग्रह ‘कितनी नावों में कितनी बार’ के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
28. ‘असाध्य वीणा’ कविता के रचयिता कौन हैं?
सही उत्तर: (घ) अज्ञेय
विस्तार: ‘असाध्य वीणा’ अज्ञेय की एक लंबी और प्रसिद्ध कविता है जो उनके काव्य-संग्रह ‘आँगन के पार द्वार’ में संकलित है। यह कविता सृजन की प्रक्रिया और ‘अहं’ के विसर्जन को दर्शाती है। इसकी कथा एक जापानी लोककथा पर आधारित है।
29. ‘प्रयोगवाद’ का आरंभ किस सप्तक से माना जाता है?
सही उत्तर: (क) तार सप्तक (प्रथम सप्तक)
विस्तार: सन् 1943 में अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के प्रकाशन से ही हिन्दी साहित्य में ‘प्रयोगवाद’ का आरंभ माना जाता है। अज्ञेय ने इसकी भूमिका में कहा था कि “कवि प्रयोगशील हैं” और “प्रयोग अपने-आप में इष्ट नहीं, साधन है”।
30. “यह दीप अकेला, स्नेह भरा, है गर्व भरा मदमाता, पर इसको भी पंक्ति को दे दो।” – यह पंक्ति किसकी है?
सही उत्तर: (ग) अज्ञेय
विस्तार: यह प्रसिद्ध पंक्ति अज्ञेय की कविता ‘यह दीप अकेला’ से है। इसमें कवि व्यष्टि (व्यक्ति) का समष्टि (समाज) में विलय की बात करता है। दीप व्यक्ति का प्रतीक है और पंक्ति समाज का।
नागार्जुन
31. ‘जनकवि’ के रूप में कौन प्रसिद्ध है?
सही उत्तर: (ग) नागार्जुन
विस्तार: नागार्जुन को आम जनता के दुखों, संघर्षों और आकांक्षाओं को अपनी कविता का विषय बनाने के कारण ‘जनकवि’ कहा जाता है। उनकी भाषा सीधी, सरल और मारक होती है।
32. नागार्जुन का वास्तविक नाम क्या था?
सही उत्तर: (ख) वैद्यनाथ मिश्र
विस्तार: प्रगतिवादी कवि नागार्जुन का वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र था। बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम ‘नागार्जुन’ रख लिया। वे मैथिली में ‘यात्री’ उपनाम से भी लिखते थे।
33. ‘बादल को घिरते देखा है’ कविता के रचयिता कौन हैं?
सही उत्तर: (ग) नागार्जुन
विस्तार: यह नागार्जुन की एक अत्यंत प्रसिद्ध कविता है। इसमें उन्होंने कालिदास को संबोधित करते हुए हिमालय और मानसरोवर के प्राकृतिक सौंदर्य का यथार्थवादी और जीवंत चित्रण किया है।
34. नागार्जुन किस काव्य-धारा के प्रमुख कवि हैं?
सही उत्तर: (ग) प्रगतिवाद
विस्तार: नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल और त्रिलोचन के साथ प्रगतिवादी काव्य-धारा के स्तंभ माने जाते हैं। उनकी कविताओं में शोषितों के प्रति सहानुभूति और शोषकों के प्रति आक्रोश स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है।
35. “कालिदास, सच-सच बतलाना! इंदुमती के मृत्यु-शोक से अज रोया या तुम रोये थे?” – यह व्यंग्यात्मक पंक्ति किसकी है?
सही उत्तर: (ख) नागार्जुन
विस्तार: यह प्रसिद्ध पंक्ति नागार्जुन की कविता ‘कालिदास’ से है। इसमें वे कालिदास से प्रश्न करते हैं कि उनकी रचनाओं में व्यक्त दुःख पात्रों का है या स्वयं कवि की व्यक्तिगत अनुभूति का।
विश्लेषणात्मक और मिश्रित प्रश्न
36. ‘छायावाद के चतुष्टय’ (चार स्तंभ) में कौन शामिल नहीं है?
सही उत्तर: (घ) अज्ञेय
विस्तार: छायावाद के चार स्तंभ (चतुष्टय) हैं – जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा। अज्ञेय का संबंध प्रयोगवाद और नयी कविता से है, न कि छायावाद से।
37. ‘कामायनी’ की ‘इड़ा’ किसका प्रतीक है?
सही उत्तर: (ख) बुद्धि और तर्क
विस्तार: प्रसाद के महाकाव्य ‘कामायनी’ में पात्र प्रतीकात्मक हैं। मनु ‘मन’ का, श्रद्धा ‘हृदय और विश्वास’ का, और इड़ा ‘बुद्धि और तर्क’ का प्रतीक है।
38. ‘तोड़ती पत्थर’ कविता में निराला ने किस वर्ग की पीड़ा को उभारा है?
सही उत्तर: (ग) शोषित मजदूर वर्ग
विस्तार: ‘वह तोड़ती पत्थर’ कविता निराला की प्रगतिवादी रचना है। इसमें इलाहाबाद के पथ पर पत्थर तोड़ती एक मजदूरनी के माध्यम से शोषित, सर्वहारा वर्ग की दीन-हीन दशा और कठिन परिश्रम का मार्मिक चित्रण किया गया है।
39. पंत के काव्य-विकास को कितने चरणों में बांटा जा सकता है?
सही उत्तर: (ग) चार (छायावादी, प्रगतिवादी, अंतश्चेतनावादी, नवमानवतावादी)
विस्तार: पंत के काव्य-विकास को मुख्यतः चार चरणों में विभाजित किया जाता है: 1. छायावादी (पल्लव, गुंजन), 2. प्रगतिवादी (युगांत, ग्राम्या), 3. अंतश्चेतनावादी या अरविंद-दर्शन प्रभावित (स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि), 4. नवमानवतावादी (लोकायतन, चिदंबरा)।
40. ‘अज्ञेय’ का पूरा नाम क्या है?
सही उत्तर: (ख) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
विस्तार: ‘अज्ञेय’ जी का पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ है। ‘अज्ञेय’ उपनाम उन्हें जैनेन्द्र कुमार और प्रेमचंद ने दिया था जब वे जेल में थे।
41. ‘अकाल और उसके बाद’ किसकी प्रसिद्ध कविता है?
सही उत्तर: (ख) नागार्जुन
विस्तार: ‘अकाल और उसके बाद’ नागार्जुन की एक छोटी किन्तु अत्यंत प्रभावशाली कविता है। इसमें वे अकाल के समय घर की भयावह चुप्पी और अकाल के बाद दाने आने पर घर के जीव-जंतुओं और मनुष्यों की खुशी का सजीव बिम्ब प्रस्तुत करते हैं।
42. महादेवी वर्मा के गद्य-साहित्य में प्रमुख विधा क्या है?
सही उत्तर: (घ) संस्मरण और रेखाचित्र
विस्तार: महादेवी वर्मा जितनी बड़ी कवयित्री थीं, उतनी ही बड़ी गद्य-लेखिका भी। उन्होंने ‘अतीत के चलचित्र’, ‘स्मृति की रेखाएँ’ और ‘पथ के साथी’ जैसे उत्कृष्ट संस्मरण और रेखाचित्र लिखे हैं, जो हिन्दी गद्य की अमूल्य निधि हैं।
43. ‘कामायनी’ किस दर्शन पर आधारित है?
सही उत्तर: (ग) शैव दर्शन (प्रत्यभिज्ञा दर्शन)
विस्तार: ‘कामायनी’ पर कश्मीरी शैव दर्शन की शाखा ‘प्रत्यभिज्ञा दर्शन’ का गहरा प्रभाव है। इसका अंतिम लक्ष्य ‘आनंदवाद’ या ‘समरसतावाद’ की स्थापना है, जहाँ इच्छा, ज्ञान और क्रिया में कोई विरोध नहीं रह जाता।
44. ‘जूही की कली’ कविता को किस पत्रिका के संपादक ने छापने से मना कर दिया था?
सही उत्तर: (क) महावीर प्रसाद द्विवेदी (सरस्वती)
विस्तार: निराला की मुक्त छंद की पहली कविता ‘जूही की कली’ को ‘सरस्वती’ पत्रिका के तत्कालीन संपादक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने अश्लीलता और छंदहीनता का आरोप लगाकर छापने से इनकार कर दिया था।
45. ‘हरी घास पर क्षण भर’ काव्य-संग्रह किसका है?
सही उत्तर: (ग) अज्ञेय
विस्तार: ‘हरी घास पर क्षण भर’ (1949) अज्ञेय का महत्वपूर्ण काव्य-संग्रह है। इसमें कवि ने शहरी जीवन की ऊब और कृत्रिमता से दूर प्रकृति के सान्निध्य में बिताए गए क्षणों के महत्व को रेखांकित किया है। यहीं से अज्ञेय पर ‘क्षणवादी’ होने का आरोप भी लगा।
46. मैथिली भाषा में ‘यात्री’ उपनाम से कौन कविता लिखते थे?
सही उत्तर: (ख) वैद्यनाथ मिश्र ‘नागार्जुन’
विस्तार: नागार्जुन अपनी मातृभाषा मैथिली में ‘यात्री’ उपनाम से कविताएँ और उपन्यास लिखते थे। उनके मैथिली उपन्यास ‘पारो’ और कविता-संग्रह ‘पत्रहीन नग्न गाछ’ बहुत प्रसिद्ध हैं। ‘पत्रहीन नग्न गाछ’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला।
47. ‘नौका-विहार’ कविता पंत के किस काव्य-संग्रह में संकलित है?
सही उत्तर: (ग) गुंजन
विस्तार: ‘नौका-विहार’ सुमित्रानंदन पंत की एक प्रसिद्ध कविता है जो उनके काव्य-संग्रह ‘गुंजन’ (1932) में संकलित है। इसमें चांदनी रात में गंगा में नौका-विहार का अत्यंत चित्रमयी और दार्शनिक वर्णन है।
48. किस कवि ने अपने जीवन-संघर्ष को ‘राम की शक्ति-पूजा’ में राम के संघर्ष के माध्यम से व्यक्त किया?
सही उत्तर: (ग) निराला
विस्तार: ‘राम की शक्ति-पूजा’ में राम की हताशा और द्वंद्व वस्तुतः निराला के अपने जीवन के संघर्ष और निराशा का ही काव्यात्मक प्रतिबिंब है। आलोचक मानते हैं कि ‘राम’ के माध्यम से निराला ने अपनी ही वेदना को वाणी दी है।
49. ‘दूसरा सप्तक’ किस वर्ष प्रकाशित हुआ?
सही उत्तर: (ख) 1951
विस्तार: अज्ञेय द्वारा संपादित ‘दूसरा सप्तक’ का प्रकाशन सन् 1951 में हुआ। इसके प्रमुख कवियों में भवानीप्रसाद मिश्र, शमशेर बहादुर सिंह और रघुवीर सहाय शामिल थे।
50. ‘लहर’ काव्य-संग्रह के रचयिता कौन हैं?
सही उत्तर: (ग) जयशंकर प्रसाद
विस्तार: ‘लहर’ (1933) जयशंकर प्रसाद का एक महत्वपूर्ण काव्य-संग्रह है। इसमें उनकी प्रसिद्ध कविताएँ ‘पेशोला की प्रतिध्वनि’, ‘शेरसिंह का शस्त्र-समर्पण’ और ‘बीती विभावरी जाग री’ संकलित हैं।
51. ‘राजनीतिक कवि’ के रूप में किस कवि को जाना जाता है, जिनकी कविताओं में समकालीन राजनीति पर तीखा व्यंग्य होता है?
सही उत्तर: (ख) नागार्जुन
विस्तार: नागार्जुन को उनकी राजनीतिक कविताओं के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। उन्होंने अपनी कविताओं में सत्ता, शासन और नेताओं पर सीधा और तीखा प्रहार किया है। ‘शासन की बंदूक’, ‘इंदु जी, इंदु जी’ जैसी कविताएँ इसके उदाहरण हैं।
52. ‘दीपशिखा’ काव्य-संग्रह की मुख्य भावना क्या है?
सही उत्तर: (ग) रहस्यवादी समर्पण और आत्म-बलिदान
विस्तार: ‘दीपशिखा’ (1942) महादेवी वर्मा का काव्य-संग्रह है। इसमें कवयित्री ने दीपक के प्रतीक के माध्यम से अपने हृदय को निरंतर जलाकर अज्ञात प्रियतम के पथ को आलोकित करने की भावना व्यक्त की है। यह आत्म-बलिदान और समर्पण का काव्य है।
53. ‘नयी कविता’ पत्रिका का संपादन किसने आरंभ किया था?
सही उत्तर: (ख) जगदीश गुप्त और रामस्वरूप चतुर्वेदी
विस्तार: यद्यपि ‘नयी कविता’ के पुरोधाओं में अज्ञेय का नाम प्रमुख है, लेकिन ‘नयी कविता’ नामक पत्रिका का प्रकाशन 1954 में जगदीश गुप्त और रामस्वरूप चतुर्वेदी ने इलाहाबाद से आरंभ किया था, जिसने इस आंदोलन को नाम और पहचान दी।
54. ‘लोकायतन’ महाकाव्य किसके जीवन पर आधारित है?
सही उत्तर: (क) महात्मा गांधी
विस्तार: सुमित्रानंदन पंत का महाकाव्य ‘लोकायतन’ (1964) भारतीय जीवन और विशेष रूप से महात्मा गांधी के जीवन-दर्शन और प्रभाव पर आधारित है। इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से लेकर युगीन समस्याओं का चित्रण है।
55. ‘भग्नदूत’ किसका पहला काव्य-संग्रह है?
सही उत्तर: (ख) अज्ञेय
विस्तार: ‘भग्नदूत’ (1933) अज्ञेय का पहला काव्य-संग्रह है। इस पर छायावादी प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, हालांकि इसमें प्रयोगवाद के बीज भी छिपे हुए हैं।
56. ‘सरोज-स्मृति’ का प्रकाशन वर्ष क्या है?
सही उत्तर: (क) 1935
विस्तार: ‘सरोज-स्मृति’ की रचना निराला ने 1935 में की थी। यह उनकी पुत्री सरोज के निधन के बाद लिखी गई थी और उनके काव्य-संग्रह ‘अनामिका’ के द्वितीय संस्करण (1938) में प्रकाशित हुई।
57. ‘कामायनी’ का प्रमुख पात्र ‘मनु’ किसका प्रतीक है?
सही उत्तर: (ग) मन (और मानव)
विस्तार: ‘कामायनी’ में मनु आदि-मानव और मानव मन का प्रतीक है। उनके माध्यम से प्रसाद ने मन की विभिन्न वृत्तियों जैसे चिंता, आशा, श्रद्धा, ईर्ष्या, संघर्ष आदि का मनोवैज्ञानिक चित्रण किया है।
58. “कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ जिससे उथल-पुथल मच जाये” – यह पंक्ति किसकी है?
सही उत्तर: (ग) बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
विस्तार: (ध्यान दें: यह प्रश्न दिए गए 6 कवियों से बाहर का है, लेकिन यह तुलनात्मक अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है)। यह प्रसिद्ध पंक्ति राष्ट्रीय-सांस्कृतिक काव्यधारा के प्रमुख कवि बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ की कविता ‘विप्लव-गायन’ से है। यह क्रांतिकारी भावना का आह्वान करती है।
59. ‘सतरंगे पंखों वाली’ किसका काव्य-संग्रह है?
सही उत्तर: (क) नागार्जुन
विस्तार: ‘सतरंगे पंखों वाली’ (1959) नागार्जुन का एक महत्वपूर्ण काव्य-संग्रह है। इसमें उनकी प्रकृति-प्रेम और जन-जीवन से जुड़ी अनेक सुंदर कविताएँ संकलित हैं।
60. ‘कला और बूढ़ा चाँद’ के लिए पंत को कौन-सा पुरस्कार मिला?
सही उत्तर: (ख) साहित्य अकादमी पुरस्कार
विस्तार: सुमित्रानंदन पंत को उनके काव्य-संग्रह ‘कला और बूढ़ा चाँद’ (1959) के लिए सन् 1960 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
61. छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषता क्या नहीं है?
सही उत्तर: (ग) इतिवृत्तात्मकता
विस्तार: ‘इतिवृत्तात्मकता’ (तथ्यों का सीधा-सपाट वर्णन) द्विवेदी युग की विशेषता थी। छायावाद ने इसके विरुद्ध प्रतिक्रिया करते हुए काव्य में वैयक्तिकता (व्यक्तिगत भाव), प्रकृति का मानवीकरण, कल्पना की प्रधानता और रहस्यवादी भावना को प्रमुखता दी।
62. ‘बावन’ और ‘रतिनाथ की चाची’ जैसे उपन्यासों के लेखक कौन हैं?
सही उत्तर: (ग) नागार्जुन
विस्तार: नागार्जुन जितने बड़े कवि थे, उतने ही बड़े उपन्यासकार भी। उन्होंने ‘रतिनाथ की चाची’, ‘बलचनमा’, ‘बाबा बटेसरनाथ’, ‘दुखमोचन’ और ‘वरुण के बेटे’ जैसे कई महत्वपूर्ण आंचलिक और सामाजिक उपन्यास लिखे हैं।
63. अज्ञेय के उपन्यास ‘शेखर: एक जीवनी’ का मूल स्वर क्या है?
सही उत्तर: (ग) मनोवैज्ञानिक और व्यक्ति-स्वातंत्र्य की खोज
विस्तार: ‘शेखर: एक जीवनी’ एक मनोविश्लेषणात्मक उपन्यास है। इसमें नायक शेखर के माध्यम से व्यक्ति के मन के विद्रोह, अहं, प्रेम और स्वातंत्र्य की खोज का गहन विश्लेषण किया गया है।
64. ‘पेशोला की प्रतिध्वनि’ कविता में प्रसाद ने किस राजवंश की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की है?
सही उत्तर: (ग) मेवाड़ का सिसोदिया वंश
विस्तार: ‘पेशोला की प्रतिध्वनि’ (संग्रह- लहर) में प्रसाद जी ने उदयपुर की पिछोला झील के किनारे खड़े होकर मेवाड़ के गौरवशाली अतीत को याद किया है और वर्तमान की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की है। यह कविता राष्ट्रीय चेतना से ओत-प्रोत है।
65. ‘परिमल’ और ‘अनामिका’ किसके काव्य-संग्रह हैं?
सही उत्तर: (घ) निराला
विस्तार: ‘परिमल’ (1930) और ‘अनामिका’ (प्रथम संस्करण 1923, द्वितीय 1938) निराला के प्रमुख काव्य-संग्रह हैं। उनकी कई प्रसिद्ध कविताएँ जैसे ‘राम की शक्ति-पूजा’, ‘सरोज-स्मृति’, ‘तोड़ती पत्थर’ इन्हीं संग्रहों में संकलित हैं।
66. “तुम बहन कर सको जन-मन में मेरे विचार, वाणी मेरी चाहिए तुम्हें क्या अलंकार?” – यह पंक्तियाँ किसने लिखीं?
सही उत्तर: (क) सुमित्रानंदन पंत
विस्तार: यह पंक्तियाँ सुमित्रानंदन पंत की हैं। अपनी प्रगतिवादी रचना ‘युगवाणी’ में वे कविता के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि उनकी कविता का लक्ष्य अलंकारों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि अपने विचारों को आम जनता तक पहुँचाना है।
67. ‘सांप! तुम सभ्य तो हुए नहीं, नगर में बसना भी तुम्हें नहीं आया।’ – यह व्यंग्यपूर्ण कविता किसकी है?
सही उत्तर: (ख) अज्ञेय
विस्तार: ‘साँप’ अज्ञेय की एक छोटी किन्तु प्रसिद्ध व्यंग्यात्मक कविता है। इसमें वे शहरी सभ्यता के खोखलेपन और दिखावे पर कटाक्ष करते हैं।
68. ‘कामायनी’ का प्रकाशन वर्ष क्या है?
सही उत्तर: (ग) 1936
विस्तार: जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य ‘कामायनी’ का प्रकाशन सन् 1936 में हुआ था। कुछ स्रोतों में 1935 भी मिलता है, लेकिन 1936 अधिक मान्य है। यह छायावादी युग की अंतिम महान कृति मानी जाती है।
69. महादेवी वर्मा के काव्य-संग्रहों का सही प्रकाशन-क्रम क्या है?
सही उत्तर: (ख) नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत
विस्तार: महादेवी वर्मा के प्रमुख काव्य-संग्रहों का सही प्रकाशन क्रम है: नीहार (1930), रश्मि (1932), नीरजा (1935), और सांध्यगीत (1936)।
70. निराला के दार्शनिक विचारों पर किसका प्रभाव है?
सही उत्तर: (ग) अद्वैत वेदांत और रामकृष्ण परमहंस
विस्तार: निराला के काव्य में दार्शनिक गहराई है, जिस पर शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत और स्वामी रामकृष्ण परमहंस तथा विवेकानंद के विचारों का गहरा प्रभाव है। उनकी कई कविताएँ इसी दार्शनिक चिंतन को व्यक्त करती हैं।
71. ‘युगधारा’ किसका प्रथम काव्य-संग्रह है?
सही उत्तर: (क) नागार्जुन
विस्तार: ‘युगधारा’ (1953) नागार्जुन का खड़ी बोली में प्रकाशित पहला काव्य-संग्रह है। इसमें उनकी आरंभिक प्रगतिवादी कविताएँ संकलित हैं।
72. ‘आँगन के पार द्वार’ के लिए अज्ञेय को कौन-सा पुरस्कार मिला था?
सही उत्तर: (ख) साहित्य अकादमी पुरस्कार
विस्तार: अज्ञेय को उनके काव्य-संग्रह ‘आँगन के पार द्वार’ (1961) के लिए सन् 1964 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी प्रसिद्ध कविता ‘असाध्य वीणा’ इसी संग्रह में है।
73. ‘परिवर्तन’ नामक प्रसिद्ध और लंबी कविता किसकी है?
सही उत्तर: (ग) पंत
विस्तार: ‘परिवर्तन’ सुमित्रानंदन पंत की एक लंबी और दार्शनिक कविता है, जो उनके काव्य-संग्रह ‘पल्लव’ में संकलित है। इसमें उन्होंने समय और परिवर्तन की निष्ठुर गति का गहन चिंतनपूर्ण वर्णन किया है।
74. ‘झरना’ को ‘छायावाद की प्रयोगशाला का प्रथम आविष्कार’ किसने कहा है?
सही उत्तर: (ख) नंददुलारे वाजपेयी
विस्तार: प्रसाद के काव्य-संग्रह ‘झरना’ (1918) को छायावाद की पहली रचना माना जाता है। इसकी आरंभिक कविताओं में छायावादी प्रवृत्तियों के बीज मिलते हैं, इसीलिए नंददुलारे वाजपेयी ने इसे ‘छायावाद की प्रयोगशाला का प्रथम आविष्कार’ कहा।
75. ‘भिक्षुक’ कविता में किसकी दयनीय दशा का चित्रण है?
सही उत्तर: (ख) एक भूखे भिखारी और उसके बच्चों की
विस्तार: ‘भिक्षुक’ निराला की एक अत्यंत करुण और यथार्थवादी कविता है। इसमें एक भिखारी की विवशता, भूख और संघर्ष का सजीव चित्रण है – “वह आता – दो टूक कलेजे के करता, पछताता पथ पर आता।”
76. ‘शेखर: एक जीवनी’ किस विधा की रचना है?
सही उत्तर: (ग) उपन्यास
विस्तार: नाम में ‘जीवनी’ शब्द होने के बावजूद ‘शेखर: एक जीवनी’ अज्ञेय द्वारा रचित एक उपन्यास है। इसे हिन्दी का प्रथम मनोविश्लेषणात्मक उपन्यास माना जाता है।
77. नागार्जुन की कविता ‘मंत्र’ का विषय क्या है?
सही उत्तर: (ग) आजादी के बाद नेताओं का चरित्र
विस्तार: ‘मंत्र कविता’ नागार्जुन की एक तीखी व्यंग्यात्मक कविता है जिसमें वे आजादी के बाद भ्रष्ट हुए नेताओं पर कटाक्ष करते हैं। वे कहते हैं कि अब गांधी का मंत्र नहीं, बल्कि नेहरू का पंचशील का मंत्र काम कर रहा है जो सिर्फ दिखावा है।
78. “किन्तु जीवन कितना निरुपाय! लिया है देख, नहीं सन्देह। निराशा है जिसका परिणाम, सफलता का वह कल्पित गेह।” – ये पंक्तियाँ ‘कामायनी’ के किस सर्ग से हैं?
सही उत्तर: (ख) चिंता
विस्तार: ये पंक्तियाँ ‘कामायनी’ के प्रथम सर्ग ‘चिंता’ से हैं। देव-सृष्टि के विनाश के बाद अकेले बचे मनु निराशा में डूबे हुए जीवन की निरुपायता पर विचार कर रहे हैं।
79. ‘नीरजा’ काव्य-संग्रह पर महादेवी वर्मा को कौन-सा पुरस्कार मिला था?
सही उत्तर: (ग) सेकसरिया पुरस्कार
विस्तार: महादेवी वर्मा को उनके काव्य-संग्रह ‘नीरजा’ (1935) के लिए ‘सेकसरिया पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। इस संग्रह के गीतों में वेदना के साथ-साथ आनंद और उल्लास की भी अभिव्यक्ति हुई है।
80. ‘बादल राग’ कविता निराला के किस काव्य-संग्रह में है?
सही उत्तर: (क) परिमल
विस्तार: ‘बादल राग’ निराला की एक प्रसिद्ध कविता है जो उनके काव्य-संग्रह ‘परिमल’ में संकलित है। इसमें बादल को क्रांति और विप्लव का प्रतीक मानकर उसका आह्वान किया गया है।
81. “प्रथम रश्मि का आना रंगिणि, तूने कैसे पहचाना?” – यह पंक्ति किस कवि की है?
सही उत्तर: (ख) सुमित्रानंदन पंत
विस्तार: यह पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की कविता ‘प्रथम रश्मि’ से है, जो उनके संग्रह ‘वीणा’ में संकलित है। इसमें कवि एक चिड़िया से पूछता है कि उसे सूर्य की पहली किरण के आने का पता कैसे चल जाता है। यह प्रकृति के प्रति उनके गहरे लगाव और जिज्ञासा को दर्शाती है।
82. अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ का प्रकाशन वर्ष क्या है?
सही उत्तर: (ख) 1959
विस्तार: अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ का प्रकाशन सन् 1959 में हुआ। इसके प्रमुख कवियों में कुँवर नारायण, केदारनाथ सिंह, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना आदि शामिल थे, जो बाद में नयी कविता के बड़े हस्ताक्षर बने।
83. “कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास” – यह मार्मिक पंक्ति किस कविता की है?
सही उत्तर: (ग) अकाल और उसके बाद
विस्तार: यह पंक्ति नागार्जुन की प्रसिद्ध कविता ‘अकाल और उसके बाद’ की प्रारंभिक पंक्ति है। इसमें अकाल के कारण घर में छाए सन्नाटे और निर्जीवता का अत्यंत प्रभावी चित्र खींचा गया है, जहाँ निर्जीव वस्तुएँ (चूल्हा, चक्की) भी उदास हैं।
84. ‘तुलसीदास’ नामक प्रबंध-काव्य किसने लिखा है?
सही उत्तर: (क) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
विस्तार: ‘तुलसीदास’ (1938) निराला द्वारा रचित एक प्रबंध-काव्य है। इसमें उन्होंने तुलसीदास के माध्यम से भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण और पतनशील सामंती मूल्यों पर प्रहार की कहानी कही है।
85. किस कवि को ‘कठिन गद्य का प्रेत’ कहा जाता है, लेकिन उनके काव्य के लिए यह उक्ति प्रयुक्त नहीं होती?
सही उत्तर: (घ) अज्ञेय
विस्तार: आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने केशवदास को ‘कठिन काव्य का प्रेत’ कहा था। इसी तर्ज पर, अज्ञेय को उनकी बौद्धिकता और दुरूहता के कारण ‘कठिन गद्य का प्रेत’ कहा जाता है। यह उनके गद्य के लिए अधिक प्रयुक्त होता है।
86. प्रसाद के किस नाटक में ‘कार्नेलिया का गीत’ (“अरुण यह मधुमय देश हमारा”) संकलित है?
सही उत्तर: (ख) चन्द्रगुप्त
विस्तार: ‘अरुण यह मधुमय देश हमारा’ गीत जयशंकर प्रसाद के प्रसिद्ध ऐतिहासिक नाटक ‘चन्द्रगुप्त’ में है। यह गीत सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस की पुत्री कार्नेलिया द्वारा गाया गया है, जो भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और संस्कृति से प्रभावित है।
87. पंत की ‘ग्राम्या’ कृति की विषय-वस्तु क्या है?
सही उत्तर: (ख) ग्रामीण जीवन का यथार्थवादी चित्रण
विस्तार: ‘ग्राम्या’ (1940) पंत की प्रगतिवादी दौर की रचना है। इसमें वे प्रकृति के सुकुमार चित्रण से आगे बढ़कर ग्रामीण जीवन की समस्याओं, गरीबी, शोषण और अभाव का यथार्थवादी चित्रण करते हैं।
88. ‘पथ के साथी’ में महादेवी वर्मा ने किसके संस्मरण लिखे हैं?
सही उत्तर: (ख) अपने समकालीन साहित्यकारों के
विस्तार: ‘पथ के साथी’ महादेवी वर्मा का संस्मरण-संग्रह है, जिसमें उन्होंने अपने समकालीन साहित्यकारों जैसे प्रसाद, निराला, पंत, मैथिलीशरण गुप्त, सुभद्रा कुमारी चौहान आदि से जुड़ी यादों को संजोया है।
89. ‘इत्यलम्’ किसका काव्य-संग्रह है?
सही उत्तर: (ग) अज्ञेय
विस्तार: ‘इत्यलम्’ (1946) अज्ञेय का काव्य-संग्रह है। ‘भग्नदूत’ के बाद यह उनका दूसरा संग्रह है। इसमें व्यक्ति के अंतर्मन की उलझनों, प्रेम और मृत्यु-बोध का चित्रण है।
90. “खोजता हूँ पहाड़, झरना, नदी, मैदान…” ये पंक्तियाँ किस कवि की आत्म-अन्वेषण की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं?
सही उत्तर: (घ) अज्ञेय
विस्तार: यह पंक्तियाँ अज्ञेय के काव्य-दर्शन को दर्शाती हैं। वे निरंतर यात्रा और अन्वेषण के माध्यम से सत्य और आत्म-पहचान की खोज करते रहे। उनका यायावरी (घुमक्कड़) स्वभाव उनकी रचनाओं में परिलक्षित होता है।
91. ‘कामायनी’ में ‘श्रद्धा’ किसका प्रतीक है?
सही उत्तर: (ग) हृदय और विश्वास का
विस्तार: कामायनी में श्रद्धा, हृदय पक्ष का प्रतीक है। वह प्रेम, करुणा, विश्वास और समर्पण की प्रतिमूर्ति है जो निराश मनु के जीवन में आशा का संचार करती है।
92. ‘इंदु’ पत्रिका का संपादन कार्य किस छायावादी कवि ने किया था?
सही उत्तर: (ख) जयशंकर प्रसाद
विस्तार: अपने साहित्यिक जीवन के आरंभ में जयशंकर प्रसाद ने ‘इंदु’ नामक मासिक पत्रिका का संपादन किया था। इसी पत्रिका में उनकी प्रारंभिक रचनाएँ प्रकाशित हुईं।
93. ‘वह तोड़ती पत्थर’ कविता में किस शहर का उल्लेख है?
सही उत्तर: (घ) इलाहाबाद
विस्तार: निराला की कविता ‘वह तोड़ती पत्थर’ की प्रसिद्ध पंक्ति है – “देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर”। इससे स्पष्ट होता है कि यह दृश्य कवि ने इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में देखा था।
94. प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना लंदन में किसके प्रयत्न से हुई थी?
सही उत्तर: (ख) मुल्कराज आनंद और सज्जाद ज़हीर
विस्तार: प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना 1935 में लंदन में मुल्कराज आनंद और सज्जाद ज़हीर के प्रयासों से हुई थी। भारत में इसका पहला अधिवेशन 1936 में लखनऊ में हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रेमचंद ने की। नागार्जुन और निराला जैसे कवि इस आंदोलन से गहराई से जुड़े थे।
95. “वेदना में एक अनाम शक्ति होती है जो दृष्टि को अधिक निर्मल और गहरी बनाती है।” – यह कथन किसका हो सकता है?
सही उत्तर: (क) महादेवी वर्मा
विस्तार: यह कथन महादेवी वर्मा के काव्य-दर्शन के अत्यंत निकट है। वे वेदना और दुःख को नकारात्मक नहीं, बल्कि एक रचनात्मक शक्ति मानती थीं जो मनुष्य को अधिक संवेदनशील और प्रज्ञावान बनाती है।
96. ‘अरी ओ करुणा प्रभामय’ गीत प्रसाद के किस नाटक से है?
सही उत्तर: (क) चन्द्रगुप्त
विस्तार: यह प्रसिद्ध गीत प्रसाद के नाटक ‘चन्द्रगुप्त’ में सुवासिनी द्वारा गाया गया है। यह करुणा और प्रेम की भावना को व्यक्त करने वाला एक मार्मिक गीत है।
97. कौन-सा कवि अपनी घुमक्कड़ प्रवृत्ति के लिए जाना जाता है और तिब्बत, श्रीलंका आदि देशों की यात्रा की?
सही उत्तर: (घ) नागार्जुन
विस्तार: नागार्जुन अपनी फक्कड़ और घुमक्कड़ प्रवृत्ति के लिए विख्यात थे। उन्होंने संपूर्ण भारत के साथ-साथ तिब्बत और श्रीलंका की भी यात्राएँ कीं। श्रीलंका में ही उन्होंने बौद्ध धर्म का अध्ययन किया और दीक्षा ली।
98. ‘मौन निमंत्रण’ कविता के रचयिता कौन हैं?
सही उत्तर: (ख) सुमित्रानंदन पंत
विस्तार: ‘मौन निमंत्रण’ पंत की एक प्रसिद्ध रहस्यवादी कविता है जो ‘वीणा’ संग्रह में संकलित है। इसमें कवि को प्रकृति के विभिन्न उपादानों में एक अज्ञात सत्ता का मौन निमंत्रण मिलता प्रतीत होता है।
99. किस कवि को ‘भावों की मुक्ति’ का कवि कहा जाता है?
सही उत्तर: (क) निराला (‘छंदों की मुक्ति’ के लिए)
विस्तार: निराला ने केवल छंदों को ही मुक्त नहीं किया, बल्कि कविता को पारंपरिक विषयों और भाव-बंधनों से भी मुक्त किया। उन्होंने श्रृंगार से लेकर दर्शन, विद्रोह, व्यंग्य और यथार्थ तक को अपनी कविता का विषय बनाया। इसलिए उन्हें व्यापक अर्थों में ‘मुक्ति का कवि’ कहा जाता है।
100. ‘अपने अपने अजनबी’ उपन्यास के लेखक कौन हैं?
सही उत्तर: (ग) अज्ञेय
विस्तार: ‘अपने अपने अजनबी’ अज्ञेय का एक छोटा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण उपन्यास है। यह अस्तित्ववादी दर्शन पर आधारित है और मृत्यु, अकेलेपन और जीवन की अर्थवत्ता जैसे प्रश्नों से जूझता है।