कुल प्रश्न: 100
1. जयशंकर प्रसाद की कविता “हिमाद्रि तुंग श्रृंग से” का मूल भाव क्या है?
व्याख्या: यह कविता ‘चंद्रगुप्त’ नाटक से ली गई है और यह एक प्रयाण गीत है। इसमें भारतवासियों को स्वतंत्रता के लिए जागृत होने का आह्वान किया गया है।
2. “अरी वरुणा की शांत कछार” कविता में प्रसाद जी किसे संबोधित कर रहे हैं?
व्याख्या: इस कविता में कवि ने वरुणा नदी के शांत किनारे पर बसे काशी के प्राचीन गौरव और वर्तमान की दुर्दशा का चित्रण किया है और उसे पुनः जागृत होने का संदेश दिया है।
3. “तुमुल कोलाहल कलह में” कविता प्रसाद के किस महाकाव्य का अंश है?
व्याख्या: यह अंश ‘कामायनी’ के ‘निर्वेद’ सर्ग से लिया गया है। इसमें श्रद्धा, मन के कोलाहलपूर्ण जीवन में शांति और प्रेम का संदेश देती है।
4. छायावाद के चार स्तंभों में जयशंकर प्रसाद का स्थान क्या है?
व्याख्या: जयशंकर प्रसाद को छायावाद का प्रवर्तक या ब्रह्मा माना जाता है। पंत को विष्णु और निराला को महेश (रुद्र) की उपाधि दी जाती है, जबकि महादेवी वर्मा को शक्ति (दुर्गा) कहा जाता है।
5. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कविता “भारती वंदना” में ‘वीणा वादिनी’ किसे कहा गया है?
व्याख्या: “वर दे, वीणावादिनी वर दे!” पंक्ति में वीणावादिनी ज्ञान और संगीत की देवी सरस्वती का प्रतीक है। कवि उनसे भारत में नया ज्ञान और प्रकाश भरने का वरदान मांग रहे हैं।
6. “सरोज स्मृति” को हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ ‘शोकगीत’ क्यों माना जाता है?
व्याख्या: ‘सरोज स्मृति’ निराला द्वारा अपनी पुत्री सरोज की अकाल मृत्यु पर लिखा गया एक मार्मिक शोकगीत है। इसमें एक पिता का दुःख, आत्मग्लानि और सामाजिक व्यंग्य का अनूठा मिश्रण है, जो इसे अद्वितीय बनाता है।
7. निराला की कविता “बादल राग” में बादल किसका प्रतीक है?
व्याख्या: “बादल राग” में बादल शोषित वर्ग के लिए उम्मीद और शोषक वर्ग (पूंजीपति) के लिए विनाश और क्रांति का प्रतीक है। यह कविता निराला के ओज और प्रगतिशील चेतना को दर्शाती है।
8. हिन्दी कविता में ‘मुक्त छंद’ के प्रवर्तक कवि कौन हैं?
व्याख्या: निराला ने परंपरागत छंदों के बंधन को तोड़कर ‘मुक्त छंद’ (जिसे ‘रबर छंद’ या ‘केंचुआ छंद’ भी कहा गया) का प्रवर्तन किया। ‘जूही की कली’ उनकी प्रसिद्ध मुक्त छंद की कविता है।
9. “मैं नीर भरी दुख की बदली” – इस पंक्ति में महादेवी वर्मा ने स्वयं की तुलना किससे की है?
व्याख्या: इस प्रसिद्ध गीत में महादेवी जी ने अपने जीवन की तुलना पानी (आँसू) से भरी बदली से की है, जो आकाश में क्षण भर के लिए रहती है और फिर बरस कर विलीन हो जाती है। यह उनके जीवन की क्षणभंगुरता और विरह-वेदना को दर्शाता है।
10. किस कवयित्री को ‘आधुनिक युग की मीरा’ कहा जाता है?
व्याख्या: महादेवी वर्मा की कविताओं में जिस प्रकार अज्ञात, अलौकिक प्रियतम के प्रति विरह, वेदना और रहस्यमयी प्रेम की अभिव्यक्ति हुई है, वह भक्ति-काल की कवयित्री मीराबाई के कृष्ण-प्रेम से साम्यता रखती है। इसी कारण उन्हें ‘आधुनिक युग की मीरा’ कहा जाता है।
11. महादेवी वर्मा की कविता “मधुर मधुर मेरे दीपक जल” में ‘दीपक’ किसका प्रतीक है?
व्याख्या: यहाँ ‘दीपक’ कवयित्री की आत्मा और उस अज्ञात प्रियतम के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है। वह चाहती हैं कि उनके जीवन रूपी दीपक की लौ हर परिस्थिति में जलती रहे और अपने प्रिय के पथ को आलोकित करती रहे।
12. ‘प्रयोगवाद’ और ‘नयी कविता’ के शलाका पुरुष किस कवि को माना जाता है?
व्याख्या: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने ‘तार सप्तक’ के संपादन से हिन्दी में प्रयोगवाद का आरंभ किया। वे नयी कविता के प्रमुख हस्ताक्षर और मार्गदर्शक थे।
13. ‘जनकवि’ के रूप में कौन प्रसिद्ध है और जिनकी कविताएँ आम आदमी के संघर्ष को वाणी देती हैं?
व्याख्या: बाबा नागार्जुन को उनकी प्रगतिवादी चेतना, आम बोलचाल की भाषा और जनता के दुखों, संघर्षों और आकांक्षाओं को अपनी कविताओं में स्थान देने के कारण ‘जनकवि’ कहा जाता है।
14. हरिशंकर परसाई किस विधा के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं?
व्याख्या: हरिशंकर परसाई हिन्दी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ व्यंग्यकारों में से एक हैं। उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक विसंगतियों पर तीखा और चुटीला व्यंग्य लिखा है। ‘निठल्ले की डायरी’, ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
15. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंधों की प्रमुख विशेषता क्या है?
व्याख्या: द्विवेदी जी के निबंध, जैसे ‘अशोक के फूल’ और ‘कुटज’, में भारतीय संस्कृति, परंपरा और साहित्य का गहन ज्ञान झलकता है। वे ललित निबंधकार के रूप में प्रसिद्ध हैं।
16. जयशंकर प्रसाद के नाटक ‘ध्रुवस्वामिनी’ की नायिका ध्रुवस्वामिनी किस समस्या का प्रतिनिधित्व करती है?
व्याख्या: ध्रुवस्वामिनी एक ऐतिहासिक पात्र है जो अपने कायर पति रामगुप्त द्वारा शकराज को सौंप दिए जाने का विरोध करती है। यह नाटक स्त्री के अपने सम्मान के लिए संघर्ष और अनैतिक विवाह-बंधन से मुक्ति (मोक्ष) के अधिकार का प्रश्न उठाता है।
17. प्रेमचंद के उपन्यास ‘गबन’ का केंद्रीय पात्र रमानाय किस चारित्रिक दुर्बलता का शिकार है?
व्याख्या: ‘गबन’ उपन्यास मध्यवर्गीय समाज की आभूषण-प्रियता और प्रदर्शन-प्रियता की समस्या पर केंद्रित है। इसका नायक रमानाय अपनी पत्नी जालपा को प्रसन्न करने के लिए अपनी क्षमता से अधिक खर्च करता है और अंततः सरकारी दफ्तर में गबन कर बैठता है।
18. भीष्म साहनी का उपन्यास ‘तमस’ किस ऐतिहासिक घटना की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है?
व्याख्या: ‘तमस’ (जिसका अर्थ है अंधकार) 1947 में भारत के विभाजन के समय हुए भयानक सांप्रदायिक दंगों की त्रासदी का अत्यंत मार्मिक और यथार्थवादी चित्रण करता है।
19. प्रेमचंद की कहानी ‘कफन’ किन दो पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है?
व्याख्या: ‘कफन’ कहानी पिता-पुत्र घीसू और माधव की कहानी है जो अत्यंत गरीब, कामचोर और संवेदनहीन हैं। वे प्रसव-पीड़ा से मरती हुई माधव की पत्नी बुधिया के लिए कफन के पैसों को भी शराब पीने में खर्च कर देते हैं। यह कहानी गरीबी से उत्पन्न अमानवीयता का चरम दिखाती है।
20. ‘आकाशदीप’ कहानी के लेखक कौन हैं?
व्याख्या: ‘आकाशदीप’ जयशंकर प्रसाद की एक प्रसिद्ध रोमांटिक कहानी है। इसके मुख्य पात्र चंपा और बुद्धगुप्त हैं। कहानी कर्तव्य और प्रेम के द्वंद्व पर आधारित है।
(ठ) व्याकरण
21. ‘हिमालय’ शब्द में कौन सी संज्ञा है?
व्याख्या: जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं, वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। ‘हिमालय’ एक विशेष पर्वत का नाम है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
22. “वह अपना काम स्वयं करता है।” – इस वाक्य में ‘स्वयं’ कौन सा सर्वनाम है?
व्याख्या: जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का बोध कराने के लिए किया जाता है, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – आप, स्वयं, खुद, स्वतः।
23. ‘विद्यालय’ का सही संधि-विच्छेद क्या है?
व्याख्या: यह दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण है। यहाँ ‘विद्या’ का ‘आ’ और ‘आलय’ का ‘आ’ मिलकर ‘आ’ (ा) हो गया है (आ + आ = आ)।
24. ‘नीलकमल’ शब्द में कौन सा समास है?
व्याख्या: जिस समास में एक पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है, वहाँ कर्मधारय समास होता है। यहाँ ‘नील’ विशेषण है और ‘कमल’ विशेष्य है। (नीला है जो कमल)।
25. “पेड़ से पत्ता गिरता है।” – इस वाक्य में ‘पेड़ से’ में कौन सा कारक है?
व्याख्या: संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अलग होने (पृथकता), डरने, तुलना करने आदि का भाव प्रकट हो, वहाँ अपादान कारक होता है। इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ (अलग होने के अर्थ में) है।
26. ‘राम ने पुस्तक पढ़ी।’ – इस वाक्य में कौन सा वाच्य है?
व्याख्या: जिस वाक्य में क्रिया का सीधा संबंध कर्ता से होता है और क्रिया का लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होता है, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। यहाँ क्रिया ‘पढ़ी’ कर्ता ‘राम’ (पुल्लिंग होने के बावजूद) कर्म ‘पुस्तक’ (स्त्रीलिंग) के अनुसार है, लेकिन कर्ता के साथ ‘ने’ विभक्ति लगने पर क्रिया कर्म के अनुसार होती है, फिर भी यह कर्तृवाच्य ही माना जाता है। यदि ‘ने’ न होता (राम पुस्तक पढ़ता है) तो क्रिया कर्ता के अनुसार होती।
27. ‘लिखावट’ शब्द में कौन सा प्रत्यय है?
व्याख्या: जो शब्दांश किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। यहाँ ‘लिख’ (धातु) + ‘आवट’ (प्रत्यय) = लिखावट।
28. ‘अपमान’ शब्द में कौन सा उपसर्ग है?
व्याख्या: जो शब्दांश किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। यहाँ ‘अप’ (उपसर्ग) + ‘मान’ (मूल शब्द) = अपमान। ‘अप’ का अर्थ होता है – बुरा, हीन।
29. “आग में घी डालना” मुहावरे का सही अर्थ क्या है?
व्याख्या: इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है जब कोई व्यक्ति पहले से ही क्रोधित हो और कोई अन्य व्यक्ति कुछ कहकर या करके उसके क्रोध को और बढ़ा दे।
30. ‘वह बहुत तेज दौड़ता है।’ – इस वाक्य में ‘बहुत’ शब्द क्या है?
व्याख्या: जो शब्द विशेषण की भी विशेषता बताते हैं, उन्हें प्रविशेषण कहते हैं। यहाँ ‘दौड़ता है’ क्रिया है, ‘तेज’ क्रिया-विशेषण है और ‘बहुत’ शब्द ‘तेज’ क्रिया-विशेषण की विशेषता बता रहा है, इसलिए यह प्रविशेषण है। (यह विशेषण की विशेषता भी बताता है, जैसे – यह फूल बहुत सुंदर है)।
31. ‘जागो फिर एक बार’ कविता में निराला किसका आह्वान करते हैं?
व्याख्या: इस ओजपूर्ण कविता में निराला जी भारतवासियों को उनके वीर पूर्वजों और गौरवशाली इतिहास का स्मरण कराते हुए पराधीनता की नींद से जागकर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने का आह्वान करते हैं।
32. ‘स्नेह निर्झर बह गया है’ पंक्ति में ‘स्नेह निर्झर’ का क्या अर्थ है?
व्याख्या: यह निराला की एक प्रसिद्ध पंक्ति है। इसमें कवि कहते हैं कि उनके जीवन से प्रेम रूपी झरना अब सूख गया है और जीवन रेत की तरह नीरस हो गया है। यह उनके जीवन की निराशा और रिक्तता को व्यक्त करता है।
33. “तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्या” – इस पंक्ति में महादेवी वर्मा किस दार्शनिक सिद्धांत की ओर संकेत कर रही हैं?
व्याख्या: अद्वैतवाद का सिद्धांत मानता है कि आत्मा और परमात्मा (ब्रह्म) एक ही हैं, उनमें कोई भेद नहीं है। इस पंक्ति में कवयित्री कहती हैं कि जब प्रियतम (परमात्मा) उन्हीं के भीतर वास करते हैं, तो अलग से परिचय की आवश्यकता क्या है। यह आत्मा-परमात्मा की एकरूपता का भाव है।
34. ‘अज्ञेय’ का पूरा नाम क्या था?
व्याख्या: ‘अज्ञेय’ उनका उपनाम था। उनका पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन था।
35. नागार्जुन की कविता ‘अकाल और उसके बाद’ में अकाल के समय घर की क्या स्थिति वर्णित है?
व्याख्या: यह छोटी सी कविता अकाल की भयावहता का सजीव चित्रण करती है। इसमें कवि दिखाते हैं कि कई दिनों तक घर में दाना न होने के कारण चूल्हा नहीं जला, चक्की नहीं चली और भूख के कारण कानी कुतिया भी सोई रही।
36. ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक में शकराज का वध कौन करता है?
व्याख्या: जब रामगुप्त अपनी पत्नी ध्रुवस्वामिनी को शकराज को सौंपने के लिए तैयार हो जाता है, तो चंद्रगुप्त स्त्री वेश में ध्रुवस्वामिनी की सखियों के साथ शकराज के शिविर में जाता है और अवसर पाकर शकराज का वध कर देता है।
37. ‘गबन’ उपन्यास की नायिका जालपा को किस वस्तु का अत्यधिक शौक था?
व्याख्या: जालपा की आभूषणों, विशेष रूप से ‘चंद्रहार’ पाने की तीव्र इच्छा ही उपन्यास की मुख्य कथा को आगे बढ़ाती है और उसके पति रमानाय को गलत रास्ते पर ले जाती है।
38. ‘तमस’ उपन्यास में अंग्रेज डिप्टी कमिश्नर ‘रिचर्ड’ की क्या भूमिका है?
व्याख्या: उपन्यास में रिचर्ड का चरित्र ब्रिटिश हुकूमत की ‘Divide and Rule’ (बाँटो और राज करो) की नीति का प्रतीक है। वह जानबूझकर छोटी-छोटी घटनाओं को तूल देकर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाता है ताकि हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ते रहें।
39. कहानी ‘गदल’ की मुख्य पात्र गदल का चरित्र कैसा है?
व्याख्या: रांगेय राघव की कहानी ‘गदल’ की नायिका गदल सामाजिक रूढ़ियों को तोड़कर अपने देवर से विवाह करती है। वह एक मजबूत, स्वतंत्र और साहसी चरित्र है जो पुरुषवादी समाज के नियमों को चुनौती देती है।
40. ‘रचना’ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?
व्याख्या: रचना या बनावट के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं: 1. सरल वाक्य, 2. संयुक्त वाक्य, और 3. मिश्र (या मिश्रित) वाक्य।
41. ‘यथाशक्ति’ में कौन सा समास है?
व्याख्या: जिस समास का पहला पद (पूर्वपद) अव्यय हो और वही प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। ‘यथाशक्ति’ का विग्रह है ‘शक्ति के अनुसार’। यहाँ ‘यथा’ एक अव्यय है।
42. ‘परोपकार’ शब्द में कौन सी संधि है?
व्याख्या: इसका संधि-विच्छेद ‘पर + उपकार’ है। गुण संधि के नियम के अनुसार जब ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ‘इ/ई’, ‘उ/ऊ’ या ‘ऋ’ आए तो वे क्रमशः ‘ए’, ‘ओ’ और ‘अर्’ हो जाते हैं। यहाँ अ + उ = ओ हुआ है।
43. जो क्रिया कर्म की अपेक्षा करती है, उसे क्या कहते हैं?
व्याख्या: ‘सकर्मक’ का अर्थ है – कर्म के साथ। जिस क्रिया का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे – ‘मोहन फल खाता है।’ (यहाँ ‘खाना’ क्रिया का फल ‘फल’ कर्म पर पड़ रहा है)।
44. ‘मीठा’ शब्द की भाववाचक संज्ञा क्या होगी?
व्याख्या: जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, भाव, दशा, अवस्था आदि का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। ‘मीठा’ विशेषण से ‘मिठास’ भाववाचक संज्ञा बनती है।
45. ‘मुझसे चला नहीं जाता।’ – इस वाक्य में कौन सा वाच्य है?
व्याख्या: जिस वाक्य में क्रिया का संबंध न तो कर्ता से हो और न कर्म से, बल्कि भाव की प्रधानता हो, उसे भाववाच्य कहते हैं। इसमें क्रिया सदैव पुल्लिंग, एकवचन और अकर्मक होती है तथा कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा’ विभक्ति लगी होती है। यह अक्सर असमर्थता प्रकट करता है।
46. ‘प्रेमचंद एक महान कथाकार थे।’ – यह किस प्रकार का वाक्य है?
व्याख्या: अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। जिन वाक्यों में किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध हो, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं। यह एक सामान्य कथन है।
47. ‘निर्धन’ शब्द में कौन सा उपसर्ग है?
व्याख्या: ‘निर्धन’ का निर्माण ‘निर्’ (उपसर्ग) + ‘धन’ (मूल शब्द) से हुआ है। ‘निर्’ का अर्थ होता है – बिना या रहित। अतः निर्धन का अर्थ है – धन से रहित।
48. “वह कल आएगा।” – इस वाक्य में कौन सा काल है?
व्याख्या: क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में कार्य के होने का बोध हो, उसे भविष्यत् काल कहते हैं। ‘आएगा’ क्रिया भविष्य में होने वाली घटना का संकेत दे रही है।
49. ‘चतुर’ शब्द का विशेषण रूप क्या है?
व्याख्या: ‘चतुर’ शब्द स्वयं ही एक गुणवाचक विशेषण है, जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है (जैसे- चतुर लोमड़ी)। ‘चतुराई’ या ‘चतुरता’ इसकी भाववाचक संज्ञा है।
50. ‘आँखों का तारा’ मुहावरे का अर्थ है:
व्याख्या: इस मुहावरे का प्रयोग अत्यधिक प्रिय व्यक्ति या वस्तु के लिए किया जाता है। जैसे – ‘श्रवण कुमार अपने माता-पिता की आँखों के तारे थे।’
51. ‘गीतिकाव्य’ का प्रमुख तत्व क्या होता है?
व्याख्या: गीतिकाव्य (Lyric Poetry) में कवि के व्यक्तिगत भावों की अनुभूति, गहन भावावेश और गेयता (संगीतात्मकता) प्रमुख तत्व होते हैं। छायावादी काव्य में गीति तत्व की प्रधानता है।
52. निराला के काव्य में ‘ओज’ तत्व का क्या अभिप्राय है?
व्याख्या: ‘ओज’ काव्य का एक गुण है जो मन में वीरता, उत्साह और जोश का संचार करता है। निराला की कविताएँ जैसे ‘बादल राग’, ‘जागो फिर एक बार’, ‘राम की शक्ति पूजा’ आदि ओज गुण से परिपूर्ण हैं।
53. महादेवी वर्मा के काव्य में ‘रहस्यवाद’ से क्या तात्पर्य है?
व्याख्या: छायावादी रहस्यवाद में कवि उस असीम, अज्ञात सत्ता के प्रति अपने प्रेम, जिज्ञासा और विरह की भावनाओं को व्यक्त करता है। महादेवी वर्मा इस भाव की सर्वश्रेष्ठ कवयित्री हैं।
54. अज्ञेय की कविता की एक प्रमुख विशेषता है:
व्याख्या: अज्ञेय की कविता भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता पर अधिक बल देती है। वे व्यक्ति की आंतरिक अनुभूतियों, क्षणों के महत्व और भाषा के साथ नए-नए प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं।
55. प्रेमचंद के निबंधों की शैली कैसी है?
व्याख्या: प्रेमचंद ने ‘साहित्य का उद्देश्य’, ‘महाजनी सभ्यता’ जैसे निबंध लिखे। उनकी निबंध शैली सीधी, सरल, तर्कपूर्ण और किसी सामाजिक या साहित्यिक उद्देश्य को स्पष्ट करने वाली होती है।
56. ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक के अनुसार, ‘मोक्ष’ (तलाक) का प्रस्ताव राजसभा में कौन रखता है?
व्याख्या: जब ध्रुवस्वामिनी के भविष्य का प्रश्न उठता है, तब धर्मशास्त्रों का ज्ञाता पुरोहित यह व्यवस्था देता है कि जो पति अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर सकता और उसे शत्रु को सौंप दे, वह पति कहलाने का अधिकारी नहीं है। अतः स्त्री को उससे मोक्ष (विवाह-विच्छेद) का अधिकार है।
57. ‘गबन’ उपन्यास में रमानाय गबन करके कहाँ भाग जाता है?
व्याख्या: सरकारी दफ्तर से रुपयों का गबन करने के बाद पकड़े जाने के डर से रमानाय प्रयाग (इलाहाबाद) से कलकत्ता भाग जाता है और वहाँ अपनी पहचान छिपाकर रहने लगता है।
58. ‘तमस’ उपन्यास का आरंभ किस घटना से होता है?
व्याख्या: उपन्यास की शुरुआत इसी घटना से होती है, जहाँ मुराद अली नामक व्यक्ति नत्थू को पैसे देकर एक सूअर मरवाता है। बाद में इसी मरे हुए सूअर को मस्जिद की सीढ़ियों पर फेंककर शहर में सांप्रदायिक दंगा भड़का दिया जाता है।
59. ‘कथा भारती’ संग्रह में संकलित कहानी ‘पराया सुख’ के लेखक कौन हैं?
व्याख्या: ‘पराया सुख’ यशपाल की एक प्रसिद्ध कहानी है जो एक धनी महिला के जीवन की निरर्थकता और खोखलेपन को दर्शाती है।
60. ‘दशानन’ (दस हैं आनन जिसके अर्थात् रावण) में कौन सा समास है?
व्याख्या: जिस समास में दोनों पद गौण होते हैं और वे मिलकर किसी तीसरे विशेष पद (अर्थ) की ओर संकेत करते हैं, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। यहाँ ‘दश’ और ‘आनन’ दोनों पद मिलकर तीसरे अर्थ ‘रावण’ को प्रकट कर रहे हैं।
61. ‘सु’ उपसर्ग से बना शब्द निम्न में से कौन सा है?
व्याख्या: ‘सु’ उपसर्ग का अर्थ होता है – ‘अच्छा’। सु + पुत्र = सुपुत्र (अच्छा पुत्र)। ‘सुरेश’ में (सुर+ईश) संधि है, ‘सुंदर’ और ‘सरस’ मूल शब्द हैं।
62. ‘सपेरा’ शब्द में कौन सा प्रत्यय लगा है?
व्याख्या: ‘साँप’ (मूल शब्द) + ‘एरा’ (प्रत्यय) = सपेरा (साँप का खेल दिखाने वाला)।
63. ‘मैं खाना खा चुका था।’ – वाक्य में कौन सा भूतकाल है?
व्याख्या: क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य बहुत पहले ही समाप्त हो चुका था, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं। इसमें क्रिया के साथ ‘चुका था’, ‘चुकी थी’, ‘चुके थे’ या ‘आ था’, ‘ई थी’ आदि लगता है।
64. वाक्य को शुद्ध कीजिए: ‘मेरे को घर जाना है।’
व्याख्या: हिन्दी में ‘मेरे को’, ‘तेरे को’ का प्रयोग अशुद्ध माना जाता है। इसके स्थान पर ‘मुझे’, ‘तुझे’ सर्वनाम का प्रयोग शुद्ध होता है।
65. ‘भाव विस्तार’ का क्या अर्थ है?
व्याख्या: भाव विस्तार या पल्लवन में किसी संक्षिप्त विचार या भाव को उदाहरण, तर्क और विश्लेषण के द्वारा विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है।
66. प्रसाद की कविता ‘मेरे नाविक!’ में ‘नाविक’ किसे कहा गया है?
व्याख्या: इस कविता में कवि अपने मन या हृदय रूपी नाविक से कहता है कि वह उसे इस सांसारिक कोलाहल से दूर, शांति और स्थिरता की ओर ले चले।
67. ‘वसन्त आया’ कविता में निराला ने वसन्त के आगमन को किस रूप में देखा है?
व्याख्या: यह कविता आधुनिक शहरी जीवन पर एक व्यंग्य है। कवि कहते हैं कि कैलेंडर और दफ्तर की छुट्टी से पता चलता है कि वसंत आया है, प्रकृति में हुए परिवर्तनों से नहीं, क्योंकि शहर में लोग प्रकृति से कट चुके हैं।
68. ‘हे चिर महान!’ कविता में महादेवी वर्मा किससे वरदान मांग रही हैं?
व्याख्या: इस कविता में कवयित्री उस चिर महान (ईश्वर) से यह वरदान मांगती हैं कि उनका हृदय दूसरों के दुःख को देखकर मोम की तरह पिघल जाए और उनकी आँखों में करुणा के आँसू भर आएं।
69. नागार्जुन का वास्तविक नाम क्या था?
व्याख्या: नागार्जुन का मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र था। बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम ‘नागार्जुन’ रख लिया। वे ‘यात्री’ उपनाम से मैथिली में भी लिखते थे।
70. महादेवी वर्मा के गद्य की प्रमुख विशेषता क्या है?
व्याख्या: महादेवी जी का गद्य भी उनके काव्य की तरह ही प्रभावशाली है। वे अपने रेखाचित्रों और संस्मरणों (जैसे ‘अतीत के चलचित्र’, ‘स्मृति की रेखाएँ’) में पात्रों का ऐसा सजीव चित्र खींचती हैं कि वह आँखों के सामने साकार हो उठता है। उनकी भाषा संस्कृतनिष्ठ और काव्यात्मक होती है।
71. ‘तार सप्तक’ का संपादन किसने किया?
व्याख्या: 1943 में अज्ञेय के संपादन में ‘तार सप्तक’ का प्रकाशन हुआ, जिसमें सात कवियों की कविताएँ संकलित थीं। यहीं से हिन्दी कविता में ‘प्रयोगवाद’ का आरंभ माना जाता है।
72. ‘जो पहले कभी न हुआ हो’ – वाक्यांश के लिए एक शब्द है:
व्याख्या: ‘अभूतपूर्व’ शब्द का अर्थ ही है जो भूतकाल में या पहले कभी न हुआ हो।
73. ‘कमल’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है:
व्याख्या: ‘जलज’, ‘सरोज’, ‘पंकज’ तीनों कमल के पर्यायवाची हैं। ‘जलद’ (जल देने वाला) ‘बादल’ का पर्यायवाची है।
74. ‘उन्नति’ का विलोम शब्द क्या है?
व्याख्या: ‘उन्नति’ का अर्थ है विकास या तरक्की, जबकि ‘अवनति’ का अर्थ है गिरावट या ह्रास।
75. “जब वर्षा होगी, तब फसल अच्छी होगी।” – यह किस प्रकार का वाक्य है?
व्याख्या: जिस वाक्य में एक मुख्य (प्रधान) उपवाक्य हो और अन्य आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं। यहाँ ‘फसल अच्छी होगी’ मुख्य उपवाक्य है और ‘जब वर्षा होगी’ उस पर आश्रित उपवाक्य है।
76. ‘कफन’ कहानी में बुधिया की मृत्यु किस कारण होती है?
व्याख्या: कहानी में माधव की पत्नी बुधिया प्रसव पीड़ा से तड़प-तड़प कर मर जाती है, जबकि उसके पति माधव और ससुर घीसू बाहर बैठकर उसके मरने का इंतजार करते हैं।
77. ‘सार संक्षेप’ करते समय किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
व्याख्या: सार-संक्षेप का उद्देश्य किसी विस्तृत लेख या अवतरण के मुख्य विचारों को कम से कम शब्दों में प्रस्तुत करना है। इसमें अनावश्यक विस्तार, उदाहरण, अलंकार आदि को हटा दिया जाता है।
78. ‘सरोज स्मृति’ में निराला अपनी पुत्री के विवाह को ‘नवल’ (नया) क्यों कहते हैं?
व्याख्या: निराला ने अपनी पुत्री का विवाह बहुत सादगी से, बिना किसी पारंपरिक रीति-रिवाज, शोर-शराबे और गीत-संगीत के किया था। माँ की अनुपस्थिति में उन्होंने स्वयं माता और पिता दोनों का कर्तव्य निभाया था। यह विवाह की एक नई और प्रगतिशील कल्पना थी।
79. ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक का प्रकाशन वर्ष क्या है?
व्याख्या: ‘ध्रुवस्वामिनी’ जयशंकर प्रसाद का अंतिम और सर्वश्रेष्ठ नाटक माना जाता है, जिसका प्रकाशन 1933 में हुआ था।
80. हिन्दी में व्यंग्य लेखन को एक स्वतंत्र विधा के रूप में स्थापित करने का श्रेय किसे जाता है?
व्याख्या: हालाँकि व्यंग्य पहले भी लिखा जाता था, लेकिन हरिशंकर परसाई ने इसे एक गंभीर और स्वतंत्र साहित्यिक विधा के रूप में प्रतिष्ठित किया। उन्होंने सामाजिक, राजनीतिक और bureaucratic पाखंड पर सीधा और तीखा प्रहार किया।
81. ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ – इस वाक्य में ‘जिसकी-उसकी’ कौन से सर्वनाम हैं?
व्याख्या: जो सर्वनाम वाक्य में आए किसी दूसरे सर्वनाम से संबंध बताते हैं, वे संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- जो-सो, जिसकी-उसकी, जैसा-वैसा।
82. ‘नायक’ का सही संधि-विच्छेद है:
व्याख्या: यह अयादि संधि का उदाहरण है। नियम के अनुसार यदि ‘ऐ’ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो ‘ऐ’ का ‘आय’ हो जाता है। यहाँ नै (न् + ऐ) + अक = न् + आय् + अक = नायक।
83. ‘सार्वनामिक विशेषण’ किसे कहते हैं?
व्याख्या: जब कोई सर्वनाम संज्ञा शब्द के ठीक पहले लगकर विशेषण का कार्य करता है, तो उसे सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे – ‘यह पुस्तक मेरी है।’ (यहाँ ‘यह’ शब्द ‘पुस्तक’ संज्ञा की ओर संकेत कर रहा है)।
84. ‘गदल’ कहानी के लेखक कौन हैं?
व्याख्या: ‘गदल’ रांगेय राघव की एक बहुचर्चित कहानी है, जो अपनी सशक्त स्त्री पात्र गदल के लिए जानी जाती है।
85. ‘कूप-मंडूक होना’ मुहावरे का क्या अर्थ है?
व्याख्या: कुएँ का मेंढक समझता है कि कुआँ ही पूरी दुनिया है। इसी तरह, जो व्यक्ति अपने छोटे से दायरे से बाहर की दुनिया के बारे में नहीं जानता, उसे ‘कूप-मंडूक’ कहा जाता है।
86. ‘छायावाद’ नामकरण का श्रेय किसे दिया जाता है?
व्याख्या: माना जाता है कि ‘छायावाद’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग मुकुटधर पाण्डेय ने अपने एक निबंध में किया था। हालाँकि इस नाम को प्रतिष्ठित करने और इसकी व्याख्या करने में अन्य आलोचकों का भी योगदान रहा।
87. ‘तुमुल कोलाहल कलह में, मैं हृदय की बात रे मन’ – यह पंक्ति कौन कह रहा है?
व्याख्या: कामायनी महाकाव्य में, जब मनु का जीवन कोलाहल और कलह से भर जाता है, तब श्रद्धा उनके जीवन में शांति, प्रेम और विश्वास का संदेश लेकर आती है और कहती है कि इस बाहरी कोलाहल में वह उनके हृदय की शांत आवाज है।
88. ‘प्रेरणार्थक क्रिया’ का उदाहरण कौन सा है?
व्याख्या: जब कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, तो उस क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। यहाँ ‘माँ’ स्वयं काम नहीं कर रही, बल्कि ‘नौकर’ को प्रेरित कर रही है।
89. वाक्य के शुद्ध रूप का चयन करें:
व्याख्या: माला ‘एक’ होती है और उसमें फूल ‘अनेक’ होते हैं। अतः पदक्रम की दृष्टि से ‘अनेक फूलों की एक माला’ कहना सबसे उपयुक्त और शुद्ध है।
90. ‘गवन’ उपन्यास का प्रकाशन वर्ष क्या है?
व्याख्या: प्रेमचंद का प्रसिद्ध सामाजिक उपन्यास ‘गबन’ वर्ष 1931 में प्रकाशित हुआ था।
91. ‘जीवन विरह का जलजात’ – इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
व्याख्या: जब उपमेय पर उपमान का अभेद आरोप किया जाता है, यानी उपमेय और उपमान को एक ही मान लिया जाता है, तब रूपक अलंकार होता है। यहाँ ‘जीवन’ (उपमेय) को ‘विरह का कमल’ (उपमान) ही मान लिया गया है।
92. निराला को ‘महाप्राण’ की उपाधि किसने दी थी?
व्याख्या: गंगाप्रसाद पाण्डेय ने निराला के विद्रोही, ओजस्वी और विशाल व्यक्तित्व को देखकर उन्हें ‘महाप्राण’ की उपाधि दी और इसी नाम से उनकी जीवनी भी लिखी।
93. ‘नयी कविता’ पत्रिका का संपादन किसने आरंभ किया?
व्याख्या: ‘नयी कविता’ आंदोलन को नाम देने और उसे एक वैचारिक आधार प्रदान करने वाली ‘नयी कविता’ नामक पत्रिका का संपादन 1954 में जगदीश गुप्त और रामस्वरूप चतुर्वेदी ने आरंभ किया था।
94. प्रेमचंद के किस निबंध में उन्होंने साहित्य के सामाजिक सरोकारों पर बल दिया है?
व्याख्या: 1936 में प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्षीय भाषण, जो बाद में ‘साहित्य का उद्देश्य’ निबंध के रूप में प्रकाशित हुआ, में प्रेमचंद ने साहित्य को मनोरंजन की वस्तु मानने का विरोध किया और उसे सामाजिक परिवर्तन और उन्नति का माध्यम बनाने पर जोर दिया।
95. ‘आकाशदीप’ कहानी में चंपा बुद्धगुप्त से घृणा क्यों करती है?
व्याख्या: कहानी में चंपा एक जलदस्यु बुद्धगुप्त से प्रेम करने लगती है, लेकिन उसे बाद में पता चलता है कि बुद्धगुप्त ही उसके पिता का हत्यारा है। इसी कारण उसके मन में प्रेम और घृणा का द्वंद्व चलता रहता है।
96. ‘कारक’ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
व्याख्या: ‘कारक’ शब्द का अर्थ है ‘करने वाला’। व्याकरण में, यह संज्ञा या सर्वनाम के उस रूप को कहते हैं जिसका संबंध वाक्य में क्रिया तथा अन्य शब्दों के साथ जाना जाता है।
97. ‘अंधों में काना राजा’ लोकोक्ति का अर्थ है:
व्याख्या: इसका अर्थ है कि जहाँ सभी लोग अज्ञानी या मूर्ख हों, वहाँ थोड़े से ज्ञान वाला व्यक्ति भी बुद्धिमान और श्रेष्ठ मान लिया जाता है।
98. ‘सरोज स्मृति’ की रचना निराला ने कहाँ की थी?
व्याख्या: अपनी पुत्री सरोज की मृत्यु के बाद निराला जी गहरे शोक और अवसाद में डूब गए थे। इसी दौरान उन्होंने इलाहाबाद में ‘सरोज स्मृति’ की रचना की, जो 1935 में प्रकाशित हुई।
99. ‘तमस’ उपन्यास को कौन सा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था?
व्याख्या: भीष्म साहनी को उनके कालजयी उपन्यास ‘तमस’ के लिए वर्ष 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
100. ‘वह स्त्री जो कविता रचती है’ के लिए एक शब्द है:
व्याख्या: ‘कवि’ का स्त्रीलिंग रूप ‘कवयित्री’ होता है। यह वर्तनी (spelling) की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शब्द है। ‘क व यि त्री’ सही वर्तनी है।
101. प्रसाद के ‘कामायनी’ महाकाव्य के दर्शन को क्या कहा जाता है?
व्याख्या: ‘कामायनी’ में प्रसाद जी ने शैव दर्शन के आधार पर जीवन में ज्ञान, इच्छा और कर्म के समन्वय (समरसता) द्वारा ‘आनन्द’ की प्राप्ति का संदेश दिया है।
102. “धन्ये, मैं पिता निरर्थक था, कुछ भी तेरे हित न कर सका!” – यह पंक्ति निराला की किस कविता से है?
व्याख्या: अपनी पुत्री सरोज की मृत्यु पर लिखे इस शोकगीत में निराला एक पिता के रूप में अपनी विवशता और आर्थिक अक्षमता पर दुःख और आत्मग्लानि व्यक्त करते हैं।
103. महादेवी वर्मा के रेखाचित्र संग्रह ‘मेरा परिवार’ में ‘गिल्लू’ कौन था?
व्याख्या: ‘गिल्लू’ महादेवी वर्मा द्वारा रचित एक मार्मिक रेखाचित्र है, जो एक छोटी सी गिलहरी के बच्चे के जीवन पर आधारित है, जिसे लेखिका ने बचाया और पाला था।
104. नागार्जुन की किस कविता में उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार पर तीखा व्यंग्य किया है?
व्याख्या: यह कविता आपातकाल की पृष्ठभूमि में लिखी गई थी और इसमें नागार्जुन ने सत्ता के दमनकारी चरित्र पर सीधा और साहसिक प्रहार किया है।
105. हजारी प्रसाद द्विवेदी का निबंध ‘कुटज’ किस पर आधारित है?
व्याख्या: ‘कुटज’ एक ललित निबंध है जिसमें द्विवेदी जी ने एक छोटे से, कठोर परिस्थितियों में भी खिलने वाले फूल ‘कुटज’ को प्रतीक बनाकर मनुष्य को स्वाभिमान, जिजीविषा और आत्मसम्मान के साथ जीने का संदेश दिया है।
106. ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक में कोमा कौन है?
व्याख्या: कोमा एक आदर्शवादी और प्रेम करने वाली स्त्री है जो शकराज को सही रास्ते पर लाने की कोशिश करती है। वह प्रेम और मानवता का प्रतीक है।
107. ‘गबन’ उपन्यास में देवीदीन खटिक का चरित्र क्या दर्शाता है?
व्याख्या: देवीदीन और उसका परिवार उपन्यास में उन आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है जो मध्यवर्ग के दिखावे और खोखलेपन के विपरीत हैं। वह रमानाय को सही रास्ते पर लाने का प्रयास करता है।
108. ‘तमस’ उपन्यास में ‘लीज़ा’ कौन है?
व्याख्या: लीज़ा का चरित्र उसके पति रिचर्ड की कूटनीति और संवेदनहीनता के विपरीत है। वह एक मानवीय दृष्टिकोण रखती है और हो रहे घटनाक्रम की आलोचना करती है।
109. ‘मनोरथ’ का संधि-विच्छेद क्या है और यह किस संधि का उदाहरण है?
व्याख्या: विसर्ग संधि के नियम के अनुसार, यदि विसर्ग (:) से पहले ‘अ’ हो और बाद में किसी वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण या य, र, ल, व, ह हो तो विसर्ग का ‘ओ’ हो जाता है।
110. ‘बात से बतियाना’ और ‘लात से लतियाना’ किस प्रकार की क्रिया के उदाहरण हैं?
व्याख्या: जो क्रियाएँ संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनाई जाती हैं, उन्हें नामधातु क्रिया कहते हैं। जैसे- बात (संज्ञा) + आना = बतियाना।
111. “अरुण यह मधुमय देश हमारा” – यह प्रसिद्ध गीत प्रसाद के किस नाटक से लिया गया है?
व्याख्या: यह गीत ‘चंद्रगुप्त’ नाटक में सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस की पुत्री कॉर्नेलिया द्वारा गाया गया है, जो भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और गौरव से प्रभावित होकर यह गीत गाती है।
112. निराला को ‘विद्रोही कवि’ क्यों कहा जाता है?
व्याख्या: निराला ने अपने जीवन और साहित्य दोनों में परंपराओं का खंडन किया। उन्होंने छंद के बंधन को तोड़कर ‘मुक्त छंद’ का प्रवर्तन किया और सामाजिक अन्याय के विरुद्ध अपनी कविताओं में आवाज़ उठाई।
113. महादेवी वर्मा के काव्य में वेदना का स्वरूप कैसा है?
व्याख्या: महादेवी की वेदना सामान्य सांसारिक वेदना नहीं है, बल्कि वह उस अज्ञात प्रियतम से न मिल पाने की आध्यात्मिक विरह-वेदना है, जो उनके लिए एक रचनात्मक शक्ति और साधना का मार्ग है।
114. अज्ञेय के अनुसार, ‘प्रयोग’ क्या है?
व्याख्या: अज्ञेय ने कहा था, “प्रयोग अपने आप में इष्ट नहीं है, वह साधन है।” उनके लिए कविता में नए-नए प्रयोग करना, चाहे वह भाव हो, भाषा हो या शिल्प, सत्य तक पहुंचने और उसे अभिव्यक्त करने का एक माध्यम था।
115. प्रेमचंद का निबंध ‘महाजनी सभ्यता’ किसकी आलोचना करता है?
व्याख्या: इस निबंध में प्रेमचंद ने उस सभ्यता की आलोचना की है जहाँ धन ही सब कुछ है और मानवीय संबंध, प्रेम, दया जैसे मूल्यों का कोई स्थान नहीं है। यह पूंजीवाद पर एक तीखा प्रहार है।
116. ‘राजा ने निर्धनों को कंबल दिए।’ – इस वाक्य में ‘निर्धनों को’ में कौन सा कारक है?
व्याख्या: जब वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए, तो वहाँ ‘को’ विभक्ति होने पर भी सम्प्रदान कारक होता है, कर्म कारक नहीं। इसका चिह्न ‘के लिए’ या ‘को’ (देने के अर्थ में) होता है।
117. वाक्य शुद्ध कीजिए: ‘वह अनेकों बार मुझसे मिला।’
व्याख्या: ‘एक’ का बहुवचन ‘अनेक’ होता है। ‘अनेक’ शब्द स्वयं में बहुवचन है, इसलिए उसका बहुवचन ‘अनेकों’ बनाना गलत है।
118. ‘प्रत्येक’ शब्द का संधि-विच्छेद है:
व्याख्या: यह यण स्वर संधि का उदाहरण है। नियम के अनुसार, जब ‘इ’ के बाद कोई भिन्न स्वर आता है तो ‘इ’ का ‘य्’ हो जाता है। (प्र् + त् + इ + एक = प्रत्येक)।
119. ‘आकाशदीप’ कहानी में प्रेम और कर्तव्य के द्वंद्व में अंततः किसकी विजय होती है?
व्याख्या: चंपा, बुद्धगुप्त के प्रेम को स्वीकार न करके, जीवन भर उस द्वीप पर रहकर भटके हुए नाविकों के लिए ‘आकाशदीप’ जलाने के अपने कर्तव्य का पालन करने का निश्चय करती है।
120. ‘लोटा-डोरी’ में कौन सा समास है?
व्याख्या: जिस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है। इसका विग्रह है: लोटा और डोरी।
121. “बीती विभावरी जाग री! अम्बर-पनघट में डुबो रही, तारा-घट ऊषा-नागरी।” – इस पंक्ति में कौन सा अलंकार प्रमुख है?
व्याख्या: इस पंक्ति में अम्बर पर पनघट का, तारा पर घट (घड़ा) का, और ऊषा (भोर) पर नागरी (स्त्री) का अभेद आरोप है। इसलिए यहाँ रूपक अलंकार है। यह प्रसाद जी की प्रसिद्ध रचना है।
122. ‘राम की शक्ति पूजा’ के रचनाकार कौन हैं?
व्याख्या: ‘राम की शक्ति पूजा’ निराला की एक लम्बी और ओजस्वी कविता है जो ‘कृत्तिवास रामायण’ पर आधारित है। इसमें राम के अंतर्द्वंद्व और शक्ति की आराधना का चित्रण है।
123. महादेवी वर्मा को उनकी किस कृति के लिए ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ मिला था?
व्याख्या: ‘यामा’ महादेवी वर्मा का काव्य-संग्रह है, जिसमें उनके चार प्रमुख काव्य-संग्रहों (नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत) के महत्वपूर्ण गीतों का संकलन है। इसी कृति के लिए उन्हें 1982 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
124. ‘घर का भेदी लंका ढाए’ – इस लोकोक्ति का क्या अर्थ है?
व्याख्या: इस लोकोक्ति का संदर्भ रामायण से है जहाँ विभीषण (घर का भेदी) के कारण रावण का विनाश हुआ। इसका लाक्षणिक अर्थ है कि जब कोई अपना व्यक्ति ही रहस्य बताकर दुश्मन की मदद करता है तो बड़ी हानि होती है।
125. ‘उज्ज्वल’ का सही संधि-विच्छेद क्या है?
व्याख्या: यह व्यंजन संधि का उदाहरण है। नियम के अनुसार, यदि ‘त्’ के बाद ‘ज’ या ‘झ’ हो तो ‘त्’ भी ‘ज्’ में बदल जाता है। इसलिए उत् + ज्वल = उज्ज्वल। (ध्यान दें: दोनों ‘ज’ आधे होते हैं)।
126. हरिशंकर परसाई के व्यंग्य लेख ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ में किस पर प्रहार किया गया है?
व्याख्या: इस व्यंग्य रचना के लिए परसाई जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था। इसमें उन्होंने समाज में व्याप्त पाखंड, अंधश्रद्धा और हर चीज़ को बेचने की प्रवृत्ति पर करारा व्यंग्य किया है।
127. ‘गदल’ कहानी में गदल अपने पति की मृत्यु के बाद किससे विवाह करती है?
व्याख्या: गदल तत्कालीन सामाजिक मान्यताओं को तोड़कर, जो विधवा विवाह को अच्छा नहीं मानती थीं, अपनी इच्छा से अपने देवर से विवाह करती है, जो उसके विद्रोही चरित्र को दर्शाता है।
128. ‘तमस’ उपन्यास में सांप्रदायिक आग भड़काने के लिए मस्जिद की सीढ़ियों पर क्या फेंका जाता है?
व्याख्या: उपन्यास की शुरुआत ही इसी घटना से होती है, जो अंग्रेजों और सांप्रदायिक ताकतों की ‘बाँटो और राज करो’ की नीति का हिस्सा थी, ताकि हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगा भड़क उठे।
129. “संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द क्या कहलाते हैं?”
व्याख्या: व्याकरण में, संज्ञा के दोहराव से बचने और भाषा को संक्षिप्त और सुंदर बनाने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तुम, वह, यह, कोई, कुछ आदि।
130. काल के कितने मुख्य भेद होते हैं?
व्याख्या: क्रिया के होने के समय को काल कहते हैं। इसके तीन मुख्य भेद हैं: 1. वर्तमान काल (Present Tense), 2. भूतकाल (Past Tense), और 3. भविष्यत् काल (Future Tense)।
131. प्रसाद की ‘प्रेम और सौन्दर्य भावना’ की मुख्य विशेषता क्या है?
व्याख्या: प्रसाद का प्रेम चित्रण मांसल होते हुए भी सूक्ष्म और उदात्त हो जाता है। वह व्यक्तिगत प्रेम से शुरू होकर प्रकृति और मानवता के प्रेम तक विस्तृत होता है।
132. ‘भारती वंदना’ (वर दे, वीणावादिनि वर दे) में कवि कैसा प्रकाश माँग रहे हैं?
व्याख्या: कवि सरस्वती से प्रार्थना करते हैं कि वे भारत में अज्ञान रूपी अंधकार के बंधनों को काट दें और ज्ञान का एक नया, स्वतंत्र प्रकाश भर दें। (‘नव पर, नव स्वर दे’)
133. महादेवी वर्मा के गद्य-साहित्य ‘श्रृंखला की कड़ियाँ’ का मुख्य विषय क्या है?
व्याख्या: ‘श्रृंखला की कड़ियाँ’ महादेवी वर्मा के विचारात्मक निबंधों का संग्रह है, जिसमें उन्होंने स्त्री-जीवन से संबंधित समस्याओं पर बहुत गंभीरता और साहस के साथ विचार किया है। यह एक महत्वपूर्ण स्त्री-विमर्श का दस्तावेज़ है।
134. ‘अज्ञेय’ को किस रचना के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था?
व्याख्या: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ को वर्ष 1978 में उनके काव्य-संग्रह ‘कितनी नावों में कितनी बार’ के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
135. ‘पत्रात्मक शैली’ में लिखा गया हिन्दी का पहला उपन्यास किसे माना जाता है?
व्याख्या: पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ द्वारा रचित ‘चंद हसीनों के खतूत’ (1927) को पत्रों के माध्यम से कथा को आगे बढ़ाने की शैली (पत्रात्मक शैली) में लिखा गया हिन्दी का प्रथम उपन्यास माना जाता है।
136. ‘परोपकार’ में कौन सा उपसर्ग है?
व्याख्या: ‘परोपकार’ शब्द ‘पर + उपकार’ की संधि से बना है। यहाँ ‘पर’ उपसर्ग है जिसका अर्थ है ‘दूसरों का’। अतः परोपकार का अर्थ है दूसरों का उपकार या भलाई।
137. ‘धार्मिक’ शब्द में कौन सा प्रत्यय है?
व्याख्या: मूल शब्द ‘धर्म’ में ‘इक’ प्रत्यय जोड़ने से ‘धार्मिक’ शब्द बनता है। ‘इक’ प्रत्यय लगने पर शब्द के पहले स्वर में वृद्धि हो जाती है (अ का आ, इ का ऐ, उ का औ)।
138. ‘आपकी यात्रा मंगलमय हो।’ – अर्थ की दृष्टि से यह कैसा वाक्य है?
व्याख्या: जिन वाक्यों से इच्छा, आशीष, शुभकामना, शाप आदि का भाव व्यक्त होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
139. ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ – लोकोक्ति का सही अर्थ है:
व्याख्या: जिस प्रकार एक अच्छे, स्वस्थ पौधे के अंकुरित होते हुए पत्ते भी चिकने और सुंदर होते हैं, उसी प्रकार प्रतिभाशाली व्यक्ति के गुण बचपन से ही प्रकट होने लगते हैं।
140. ‘गवन’ में जालपा के चरित्र में क्या परिवर्तन आता है?
व्याख्या: उपन्यास के अंत तक, जीवन के थपेड़ों को सहकर जालपा का चरित्र विकसित होता है। वह अपने पति को बचाने के लिए साहस का परिचय देती है और आभूषणों के मोह को त्याग देती है।
141. ‘जिसका कोई शत्रु पैदा न हुआ हो’ – वाक्यांश के लिए एक शब्द है:
व्याख्या: ‘अजातशत्रु’ शब्द का अर्थ है – जिसका कोई शत्रु जन्मा न हो।
142. ‘आम के आम गुठलियों के दाम’ – लोकोक्ति का अर्थ है:
व्याख्या: जब किसी कार्य से एक साथ दो लाभ प्राप्त हों, तो इस लोकोक्ति का प्रयोग होता है।
143. ‘पावक’ शब्द का संधि-विच्छेद क्या होगा?
व्याख्या: यह अयादि संधि का उदाहरण है। नियम के अनुसार, ‘औ’ के बाद कोई भिन्न स्वर आने पर ‘औ’ का ‘आव्’ हो जाता है। (प् + औ + अक = प् + आव् + अक = पावक)।
144. ‘चक्रपाणि’ (चक्र है पाणि/हाथ में जिसके) में कौन-सा समास है?
व्याख्या: यहाँ ‘चक्र’ और ‘पाणि’ दोनों पद मिलकर किसी तीसरे विशेष व्यक्ति अर्थात् ‘विष्णु’ की ओर संकेत कर रहे हैं, इसलिए यह बहुव्रीहि समास है।
145. “राम पढ़ता है।” – वाच्य की दृष्टि से यह वाक्य है:
व्याख्या: इस वाक्य में क्रिया ‘पढ़ता है’ का लिंग और वचन कर्ता ‘राम’ के अनुसार है। कर्ता की प्रधानता होने के कारण यह कर्तृवाच्य है।
146. ‘हिमालय से गंगा निकलती है।’ – रेखांकित पद में कारक है:
व्याख्या: यहाँ गंगा हिमालय से अलग हो रही है। अलग होने (पृथकता) का भाव प्रकट करने के लिए ‘से’ विभक्ति का प्रयोग होता है और वहाँ अपादान कारक होता है।
147. ‘परि’ उपसर्ग से बना शब्द निम्न में से कौन सा नहीं है?
व्याख्या: ‘परिधि’, ‘परिजन’ और ‘परिक्रमा’ में ‘परि’ उपसर्ग है। ‘पराजय’ में ‘परा’ उपसर्ग है, जिसका अर्थ है ‘उल्टा’ या ‘पीछे’। (परा + जय = पराजय)।
148. ‘बुढ़ापा’ शब्द में कौन सी संज्ञा है?
व्याख्या: ‘बुढ़ापा’ शब्द जीवन की एक अवस्था या भाव का बोध कराता है, जिसे केवल अनुभव किया जा सकता है, देखा या छुआ नहीं जा सकता। अतः यह भाववाचक संज्ञा है।
149. ‘अम्बर’ शब्द का अनेकार्थी रूप कौन सा नहीं है?
व्याख्या: ‘अम्बर’ शब्द के अनेक अर्थ होते हैं, जिनमें आकाश, वस्त्र और कपास प्रमुख हैं। ‘धरती’ इसका अर्थ नहीं है, बल्कि ‘अम्बर’ का विलोम है।
150. ‘कफन’ कहानी समाज की किस सच्चाई को उजागर करती है?
व्याख्या: यह कहानी दिखाती है कि किस प्रकार निरंतर गरीबी और भुखमरी मनुष्य को इतना कठोर और संवेदनहीन बना सकती है कि वह मानवीय रिश्तों और सामाजिक दायित्वों को भी भूल जाता है।
151. “तुमुल कोलाहल कलह में” पंक्ति में ‘कोलाहल’ किसका प्रतीक है?
व्याख्या: ‘कामायनी’ में यह अंश तब आता है जब मनु का जीवन बुद्धि (इड़ा) के अतिरेक के कारण संघर्षपूर्ण और कोलाहल भरा हो जाता है। श्रद्धा (हृदय) आकर उसमें शांति लाती है।
152. निराला के मुक्त छंद को आरंभ में क्या कहकर उसका मज़ाक उड़ाया गया?
व्याख्या: जब निराला ने परंपरागत मात्रिक और वार्णिक छंदों के बंधन को तोड़कर मुक्त छंद में लिखना शुरू किया, तो पारंपरिक आलोचकों ने इसे ‘रबर छंद’ या ‘केंचुआ छंद’ कहकर इसकी आलोचना की थी।
153. ‘मैं नीर भरी दुख की बदली’ गीत महादेवी के किस काव्य संग्रह में संकलित है?
व्याख्या: यह प्रसिद्ध गीत उनके काव्य संग्रह ‘सांध्यगीत’ (1936) में संकलित है, जो उनके काव्य-विकास के प्रौढ़ दौर को दर्शाता है।
154. नागार्जुन मैथिली भाषा में किस उपनाम से लिखते थे?
व्याख्या: बाबा नागार्जुन अपनी मातृभाषा मैथिली में ‘यात्री’ उपनाम से कविताएँ लिखते थे। उनके मैथिली काव्य-संग्रह ‘पत्रहीन नग्न गाछ’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था।
155. अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ में कितने कवियों की रचनाएँ थीं?
व्याख्या: ‘सप्तक’ का अर्थ ही सात होता है। अज्ञेय ने ‘तार सप्तक’ सहित कुल चार सप्तकों का संपादन किया और प्रत्येक में सात नए कवियों की कविताओं को स्थान दिया।
156. ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक में स्त्री-पुनर्विवाह की समस्या का समाधान किस आधार पर किया जाता है?
व्याख्या: नाटक का पुरोहित यह व्यवस्था देता है कि जो पति क्लीब (नपुंसक) हो, पतित हो या अपनी पत्नी की रक्षा न कर सके, उस पति को त्याग कर स्त्री को दूसरा विवाह करने का अधिकार धर्मशास्त्र भी देता है।
157. ‘कफन’ कहानी के अंत में घीसू और माधव कफन के पैसों का क्या करते हैं?
व्याख्या: कहानी का चरम और व्यंग्य इसी घटना में है कि वे मृत व्यक्ति के लिए मिले पैसों से अपनी भूख और प्यास मिटाना अधिक ज़रूरी समझते हैं, जो सामाजिक व्यवस्था पर एक करारा तमाचा है।
158. “मैं पढ़-लिखकर वकील बनूँगा।” – रचना की दृष्टि से यह वाक्य है:
व्याख्या: जिस वाक्य में एक ही मुख्य क्रिया (विधेय) और एक ही कर्ता (उद्देश्य) हो, उसे सरल वाक्य कहते हैं। यहाँ ‘बनूँगा’ मुख्य क्रिया है। ‘पढ़-लिखकर’ पूर्वकालिक क्रिया है, मुख्य क्रिया नहीं।
159. वाक्य शुद्ध कीजिए: ‘कृपया करके मेरे घर पधारें।’
व्याख्या: ‘कृपया’ और ‘करके’ दोनों का एक साथ प्रयोग अनावश्यक और अशुद्ध है। ‘कृपया’ का अर्थ ही है ‘कृपा करके’। इसलिए दोनों में से एक का ही प्रयोग होना चाहिए।
160. ‘कमल-नयन’ में कौन सा समास है?
व्याख्या: इसका विग्रह है ‘कमल के समान नयन’। यहाँ ‘नयन’ (उपमेय) की तुलना ‘कमल’ (उपमान) से की जा रही है। जहाँ उपमेय-उपमान या विशेषण-विशेष्य का संबंध हो, वहाँ कर्मधारय समास होता है।
161. जयशंकर प्रसाद का जन्म कहाँ हुआ था?
व्याख्या: जयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 में काशी के प्रसिद्ध सुंघनी साहू परिवार में हुआ था। उनके साहित्य पर काशी के सांस्कृतिक परिवेश का गहरा प्रभाव है।
162. ‘तोड़ती पत्थर’ कविता के रचनाकार कौन हैं?
व्याख्या: ‘वह तोड़ती पत्थर, देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर’ – यह निराला की एक प्रसिद्ध प्रगतिवादी कविता है, जिसमें उन्होंने एक मजदूरनी के कठिन परिश्रम का यथार्थवादी चित्रण किया है।
163. महादेवी वर्मा मुख्यतः किस रस की कवयित्री मानी जाती हैं?
व्याख्या: महादेवी के संपूर्ण काव्य का मूल भाव उस अज्ञात प्रियतम के प्रति विरह और वेदना की अभिव्यक्ति है। उनके काव्य में वियोग श्रृंगार का अत्यंत मार्मिक और उदात्त रूप मिलता है।
164. ‘असाध्य वीणा’ नामक प्रसिद्ध लंबी कविता किसकी है?
व्याख्या: ‘असाध्य वीणा’ अज्ञेय की एक लंबी और दार्शनिक कविता है, जो ‘आँगन के पार द्वार’ संग्रह में है। इसमें कलाकार के ‘अहं’ के विलयन और प्रकृति के साथ तादात्म्य की बात कही गई है।
165. हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंधों की भाषा कैसी है?
व्याख्या: द्विवेदी जी के निबंधों की भाषा तत्सम शब्दों से युक्त, गहन विचारों को व्यक्त करने वाली और धाराप्रवाह होती है। उनका शब्द-भंडार अत्यंत समृद्ध था।
166. ‘दाँतों तले उँगली दबाना’ मुहावरे का अर्थ है:
व्याख्या: जब कोई व्यक्ति किसी अविश्वसनीय या अद्भुत घटना को देखता है तो आश्चर्य से दाँतों तले उँगली दबा लेता है।
167. ‘प, फ, ब, भ, म’ वर्णों का उच्चारण स्थान क्या है?
व्याख्या: ‘प’ वर्ग के सभी वर्णों का उच्चारण दोनों होंठों (ओष्ठ) के स्पर्श से होता है, इसलिए इन्हें ओष्ठ्य वर्ण कहते हैं।
168. ‘रामचरितमानस’ किस भाषा में लिखा गया है?
व्याख्या: गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य ‘श्रीरामचरितमानस’ अवधी भाषा में लिखा गया है। यह प्रश्न भाषा-ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है।
169. क्रिया के मूल रूप को क्या कहते हैं?
व्याख्या: क्रिया का वह मूल अंश जो सभी रूपों में समान रहता है, धातु कहलाता है। जैसे – ‘पढ़ना’, ‘पढ़ता है’, ‘पढ़ो’ इन सबमें ‘पढ़’ धातु है।
170. ‘यद्यपि वह बीमार था, तथापि वह स्कूल गया।’ यह वाक्य है:
व्याख्या: इस वाक्य में ‘वह स्कूल गया’ एक प्रधान उपवाक्य है और ‘यद्यपि वह बीमार था’ एक आश्रित उपवाक्य है। योजक शब्द ‘यद्यपि-तथापि’ मिश्र वाक्य की पहचान हैं।
171. ‘छायावाद’ की समय-सीमा सामान्यतः क्या मानी जाती है?
व्याख्या: हिन्दी साहित्य में, मोटे तौर पर 1918 (प्रसाद की ‘झरना’ के प्रकाशन) से लेकर 1936 (प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना) तक के काल को छायावादी युग के नाम से जाना जाता है।
172. ‘कामायनी’ में ‘श्रद्धा’ किसका प्रतीक है?
व्याख्या: ‘कामायनी’ एक रूपक महाकाव्य है जिसमें ‘मनु’ मन के, ‘श्रद्धा’ हृदय (विश्वास, प्रेम, आस्था) के, और ‘इड़ा’ बुद्धि के प्रतीक हैं।
173. ‘जूही की कली’ किसकी प्रसिद्ध कविता है, जिसे ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी’ ने छापने से मना कर दिया था?
व्याख्या: ‘जूही की कली’ निराला की पहली प्रसिद्ध मुक्त छंद की कविता है। इसकी श्रृंगारिकता और छंद-मुक्त शैली के कारण तत्कालीन ‘सरस्वती’ पत्रिका के संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी ने इसे छापने से इंकार कर दिया था।
174. ‘दीपशिखा’ किसकी काव्य-कृति है?
व्याख्या: ‘दीपशिखा’ (1942) महादेवी वर्मा का प्रसिद्ध काव्य संग्रह है, जिसमें आत्मा रूपी दीपक और परमात्मा रूपी प्रियतम के प्रति आस्था और समर्पण के गीत हैं।
175. ‘शेखर: एक जीवनी’ उपन्यास के लेखक कौन हैं?
व्याख्या: ‘शेखर: एक जीवनी’ अज्ञेय द्वारा रचित एक मनोविश्लेषणात्मक उपन्यास है, जो नायक शेखर के मनोवैज्ञानिक विकास की कहानी कहता है।
176. ‘विसर्ग संधि’ का उदाहरण है:
व्याख्या: इसका संधि-विच्छेद ‘निः + चल’ है। नियम के अनुसार, यदि विसर्ग के बाद ‘च’ या ‘छ’ हो तो विसर्ग का ‘श्’ हो जाता है। (दिग्गज = दिक्+गज, सदैव=सदा+एव, अन्वय=अनु+अय)
177. ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ – लोकोक्ति का सही अर्थ है:
व्याख्या: इसका भाव है कि जो व्यक्ति दोषी होता है, वह अपने व्यवहार से ही अपने अपराध को प्रकट कर देता है या डरा हुआ रहता है।
178. ‘अनुकूल’ शब्द का विलोम है:
व्याख्या: ‘अनुकूल’ का अर्थ है पक्ष में या अनुसार, जबकि ‘प्रतिकूल’ का अर्थ है विरुद्ध या विपरीत।
179. ‘जो सब कुछ जानता हो’ – वाक्यांश के लिए एक शब्द है:
व्याख्या: ‘सर्व’ का अर्थ है ‘सब’ और ‘ज्ञ’ का अर्थ है ‘जानने वाला’। अतः ‘सर्वज्ञ’ का अर्थ है सब कुछ जानने वाला।
180. ‘अग्नि’ का तद्भव रूप क्या है?
व्याख्या: तत्सम शब्द (जैसे ‘अग्नि’) संस्कृत के वे शब्द हैं जो हिन्दी में ज्यों के त्यों प्रयोग होते हैं। तद्भव शब्द (जैसे ‘आग’) संस्कृत शब्दों से परिवर्तित होकर बने हैं।
181. हिन्दी साहित्य के किस काल को ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है?
व्याख्या: लोक-मंगल की भावना और उच्चकोटि के साहित्य-सृजन के कारण जॉर्ज ग्रियर्सन जैसे विद्वानों ने भक्तिकाल को हिन्दी साहित्य का स्वर्ण युग कहा है।
182. ‘प्रेमचंद’ का मूल नाम क्या था?
व्याख्या: मुंशी प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में ‘नवाब राय’ नाम से लिखते थे।
183. ‘अंधेर नगरी’ नाटक के रचयिता कौन हैं?
व्याख्या: ‘अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा’ यह प्रसिद्ध प्रहसन (व्यंग्य नाटक) भारतेंदु हरिश्चंद्र ने लिखा है, जो तत्कालीन अव्यवस्थित शासन पर व्यंग्य है।
184. ‘वह घर पहुँचा और सो गया।’ – रचना के आधार पर वाक्य का भेद बताइए।
व्याख्या: जब दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक (जैसे और, एवं, तथा, लेकिन, किंतु, परंतु) से जुड़े होते हैं, तो उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं। यहाँ ‘वह घर पहुँचा’ और ‘वह सो गया’ दो स्वतंत्र उपवाक्य हैं।
185. ‘श’ ध्वनि का उच्चारण स्थान क्या है?
व्याख्या: ‘श’ (शलगम वाला) का उच्चारण करते समय जिह्वा तालु को स्पर्श करती है, इसलिए इसे ‘तालव्य’ वर्ण कहते हैं। ‘ष’ (षट्कोण) मूर्धन्य है और ‘स’ (सड़क) दंत्य है।
186. विशेषण के मुख्यतः कितने भेद होते हैं?
व्याख्या: विशेषण के मुख्य चार भेद माने जाते हैं: 1. गुणवाचक, 2. संख्यावाचक, 3. परिमाणवाचक, और 4. सार्वनामिक (या संकेतवाचक) विशेषण।
187. ‘मैला आँचल’ उपन्यास के लेखक कौन हैं?
व्याख्या: ‘मैला आँचल’ (1954) फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का प्रसिद्ध आंचलिक उपन्यास है, जिसने हिन्दी उपन्यास को एक नई दिशा दी। इसमें बिहार के पूर्णिया जिले के एक गाँव का जीवंत चित्रण है।
188. ‘एक पंथ दो काज’ लोकोक्ति का अर्थ है:
व्याख्या: जब कोई एक ही प्रयास या कार्य करने से दो उद्देश्यों की पूर्ति हो जाए, तब इस लोकोक्ति का प्रयोग होता है।
189. ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ नामक व्यंग्य लेख किसने लिखा है?
व्याख्या: यह हरिशंकर परसाई का एक प्रसिद्ध व्यंग्य निबंध है, जिसमें वे प्रेमचंद के एक चित्र को देखकर उनके सादगीपूर्ण और स्वाभिमानी व्यक्तित्व की विवेचना करते हैं और दिखावे की प्रवृत्ति पर व्यंग्य करते हैं।
190. ‘कवि’ का सही स्त्रीलिंग रूप है:
व्याख्या: वर्तनी की दृष्टि से यह एक बहुत महत्वपूर्ण शब्द है। ‘कवि’ का सही स्त्रीलिंग रूप ‘कवयित्री’ (क-व-यि-त्री) होता है।
191. ‘संक्षेपण’ मूल अवतरण का कितना होना चाहिए?
व्याख्या: एक अच्छे संक्षेपण (सार-लेखन) का आकार मूल गद्यांश का लगभग एक-तिहाई (1/3) होना चाहिए। इसमें सभी मुख्य भावों का समावेश होना अनिवार्य है।
192. ‘बादल राग’ कविता में निराला बादलों का आह्वान किसके रूप में करते हैं?
व्याख्या: इस कविता में बादल शोषक वर्ग (पूँजीपतियों) के लिए क्रांति और विनाश का प्रतीक है, जबकि शोषित वर्ग (किसान-मजदूर) के लिए वह उम्मीद और नवजीवन का अग्रदूत है।
193. ‘ध्रुवस्वामिनी’ के अनुसार, रामगुप्त कैसा शासक है?
व्याख्या: नाटक में रामगुप्त को एक अत्यंत कायर और विलासी शासक के रूप में चित्रित किया गया है जो अपनी पत्नी को भी शत्रु को सौंपने के लिए तैयार हो जाता है।
194. ‘सज्जन’ का संधि-विच्छेद होगा:
व्याख्या: यह व्यंजन संधि का उदाहरण है। नियम के अनुसार, यदि ‘त्’ के बाद ‘ज’ हो तो ‘त्’ का भी ‘ज्’ हो जाता है। (सत् + जन = सज्जन)।
195. ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ में ‘मधुर-मधुर’ में कौन सा अलंकार है?
व्याख्या: जब किसी शब्द को उसी अर्थ में दोहराया जाए ताकि कथन में सौंदर्य या बल आ सके, तो वहाँ पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार होता है। यहाँ ‘मधुर’ शब्द का दोहराव काव्य-सौंदर्य बढ़ाने के लिए किया गया है।
196. ‘तमस’ उपन्यास का शीर्षक ‘तमस’ (अंधकार) क्यों रखा गया?
व्याख्या: ‘तमस’ का अर्थ है अंधकार। यह शीर्षक विभाजन के समय फैले सांप्रदायिक जुनून, अज्ञान और अमानवीयता के वैचारिक अंधकार का प्रतीक है, जिसने लोगों को अंधा बना दिया था।
197. ‘गदल’ कहानी किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
व्याख्या: यह कहानी ग्रामीण समाज, विशेषकर गुज्जर जाति के सामाजिक ढाँचे और उसकी रूढ़िवादी मान्यताओं को केंद्र में रखकर लिखी गई है, जिन्हें गदल का चरित्र चुनौती देता है।
198. ‘वह शायद कल आएगा।’ – इस वाक्य में कौन सा काल है?
व्याख्या: जब भविष्य में किसी कार्य के होने की संभावना या संदेह हो, तो उसे संभाव्य भविष्यत् काल कहते हैं। ‘शायद’, ‘संभवतः’ जैसे शब्द इसकी पहचान हैं।
199. ‘जो आँखों के सामने हो’ के लिए एक शब्द है:
व्याख्या: ‘प्रत्यक्ष’ (प्रति + अक्ष) शब्द का अर्थ है आँखों के सामने। इसका विलोम ‘परोक्ष’ होता है (जो आँखों के सामने न हो)।
200. “हिंदी नए चाल में ढली” – यह कथन किस प्रसिद्ध लेखक का है?
व्याख्या: भारतेंदु हरिश्चंद्र ने अपनी पत्रिका ‘कालचक्र’ में सन् 1873 में यह घोषणा की थी। यह आधुनिक खड़ी बोली हिंदी के गद्य के विकास में एक मील का पत्थर माना जाता है।